कई स्थानों पर नालियों से होकर गुजरी है पाईप लाईन, लिकेज से रहता है डायरिया फैलने का खतरा
बारिश में नालियों का जल स्तर बढऩे से बढ़ जाता है खतरा
कई बार फैल चुका है डायरिया, कई की हो चुकी है मौत, सैकड़ो हो चुके है बीमार
धमतरी। बारिश के मौसम में बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है। विशेषकर जल जनित बीमारिया। ऐसे में सावधानी आवश्यक है लेकिन शहर में सालों से लापरवाही बरती जा रही है। जिसका परिणाम है कि कई सालों से शहर के कई वार्डो में डायरिया का प्रकोप हुआ। बात दे कि शहर के कई स्थानों पर बिल्कुल नालियों से लगाकर पाईप लाईन से कनेक्शन घर के भीतर तक लाने के लिए लगाया गया पाईप नालियों से चिपका रहता है। और जब बारिश का मौसम आता है तो पाईप नालियों में डूब जाता है ऐसे में यदि में पाईप में जरा भी लिकेज हुआ तो पूरा परिवार डायरिया की चपेट में आ जाता है। दो दशक पूर्व शहर में पाईप लाईन बिछाया गया था। ऐसे में पाईप लाईन खराब हो चुके है। आवश्यकतानुसार और लिकेज होने पर कई वार्डो में पाईप को बदला भी गया लेकिन आज भी कई स्थानों पर पाईप में लिकेज की समस्या आती रहती है। ऐसे में डायरिया का खतरा बना रहता है। पूर्व में डायरिया फैलने से सैकड़ो बीमार हो चुके है। और बांसपारा में तो आधा दर्जन लोगो की मौत भी हो चुकी है।
पुराने सड़े हुये पाईप को बदलना है जरुरी
बता दे कि शहर के कई वार्डो में कई पाईप लाईन बदलने की आवश्यकता है। लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे डायरिया का खतरा काफी कम किया जा सकता है। लोगों में इस बात की चर्चा हो रही है कि निगम टीम द्वारा सभी वार्डो का भ्रमण कर पुराने सड़े हुये पाईप को बदलने हेतु चिन्हाकिंत किया जाये।
बिना शुद्ध किये लोग पी रहे जंग व काई लगे पाईप का पानी
बता दे कि शहर में सभी वार्डो में बोर कर पाईप लाईन के माध्यम तक घर-घर पानी पुहंचाया जाता है। और लगभग सभी पाईप लाईन मेटल की है। जिनमें कुछ ही समय बाद जंग और काई लग जाता है। ऐसे में घरों तक पहुंचने वाला पानी कई बार काई व जंग युक्त होता है जो सेहत के लिए काफी हानिकारक है। बावजूद इसके लोग पानी को न ही उबालकर पीते है और न ही प्युरीफायर में शुद्ध कर। निगम द्वारा भी कभी-कभी बारिश के मौसम में वार्डो मे क्लोरीन की गोलिया बटवाती है पानी को शुद्ध करने के लिए ऐसे में यह लापरवाही लोगो की सेहत पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है।