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विकास के लिए जोर न लगाकर अपनी राजनीति चमकाने भाजपा-कांग्रेस के नेताओं द्वारा आरोप-प्रत्यारोप दे रहे ज्यादा ध्यान

बदहाल ड्रेनेज सिस्टम, खराब सड़के, विकास के अटके कार्य, निरस्त हुए 5 करोड़ के विकास कार्य सहित अन्य कार्यो के लिए जोर लगाना छोड़ स्वयं को अच्छा व दूसरे को बुरा बताने खपा रहे ऊर्जा

लोगो में हो रही चर्चा दलगत राजनीति से उठकर विकास के लिए नेता नहीं करते प्रयास इसलिए विकास में पिछड़ा है जिला

धमतरी। पिछले कुछ दिनों से धमतरी की राजनीति में हलचल बढ़ी हुई है। भाजपा कांग्रेस के नेता विकास व सक्रियता के मुद्दे पर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है। विकास के लिए जोर न लगाकर अपनी राजनीति चमकाने भाजपा-कांग्रेस के नेताओं द्वारा आरोप-प्रत्यारोप पर ज्यादा ध्यान दे रहे है। स्वयं को अच्छा व दूसरों को बुरा बता दे रहे है। इन सब के बीच लोगो में चर्चा हो रही है कि नेता आरोप प्रत्यारोप में जितनी ऊर्जा लगा रहे यदि इतनी ही ऊर्जा विकास के कार्यो को स्वीकृति दिलाने में लगाते तो शायद आज धमतरी जिला पिछड़ा हुआ नहीं होता। शहर में कई विकास कार्य अधूरे है। कई कार्य सालों से स्वीकृति की राह ताक रहे है। कई समस्याएं शहरवासियों के लिए नासूर बन चुके है। इस ओर शहरवासियों को राहत प्रदान करने सार्थक प्रयास न कर द्वेष पूर्ण राजनीति को तवज्जो दिया जा रहा है। चर्चा है कि शहर का ड्रेनेज सिस्टम दशकों से बदहाल है शहर के आधे वार्ड हर साल बारिश के मौसम में जलमग्न हो जाते है। घरों व दुकानों में बरसाती पानी के साथ गंदगी घूस जाते है कई बार लोगो को आंखो ही आंखो में रात काटनी पड़ती है। दशकों से समस्या से राहत दिलाने की मांग हो रही है लेकिन आज तक भाजपा-कांग्रेस के नेताओं किसी भी कार्यकाल में ऐसी कोई मास्टर प्लान नहीं बन पाया जिस पर अमल कर शहरवासियों को जलभराव की समस्या से राहत दिलाया जा सकें। हर बारिश के मौसम में प्रभावित वार्डवासी नेताओं के कार्यप्रणाली को कोसते है। इसके अतिरिक्त विकास के कई कार्य स्वीकृति के इंतजार मे ंहै। जिसमें गोकुलनगर, ट्रांसपोर्ट नगर, मल्टीलेवल पार्किंग, गोलबाजार का निर्माण वैकल्पिक बायपास आदि शामिल है वहीं कई कार्य सालों से निर्मार्णाधीन है लेकिन पूरे नही हो पा रहे है। जिसमें आडोटोरियम व बड़ी रेल लाईन कार्य प्रमुख है। दशकों की मांग के बाद यह स्वीकृति मिली है लेकिन धमतरी में ही यह कार्य सबसे धीमा है कब्जाधारियों को हटाने व उनके व्यवस्थापन की मांग पर दोनो प्रमुख पार्टियों द्वारा समस्या का हल करने के बजाये राजनीति पर ज्यादा तवज्जो दिया जा रहा है ऐसी चर्चा है। ज्ञात हो कि धमतरी विधानसभा में कांग्रेस के विधायक है, जबकि राज्य व केन्द्र में भाजपा की सरकार है। धमतरी में कई दिग्गज भाजपा नेता है तो राज्य सरकार तक अपनी सीधी पहुंच रखते है। ऐसे में धमतरीवासियों की माने तो अब समय आ गया है कि दोनो पार्टियों को दलगत राजनीति से उठकर कार्य करना होगा। तभी धमतरी का विकास संभव हो पायेगा।
नेताओं की नाकामी का नतीजा, बजट में नहीं मिला कुछ
हाल ही में राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा बजट प्रस्तुत किया गया। दोनो ही बजट में इस बार भी धमतरी विधानसभा को विशेष कुछ भी नहीं मिला। जिससे धमतरीवासियों में एक बार फिर निराशा है। लोगो में चर्चा है कि हर बार बजट में धमतरी के साथ अन्याय हो रहा है। यह धमतरी के नेताओं की नाकामी व विकास को लेकर दमदारी नहीं होने की नतीजा है। लोगो में चर्चा है कि कई नेताओं ने अब तक धमतरी को सिर्फ अपने विकास का जरिया समझा है। इसीलिए धमतरी विकास में पिछड़़ा हुआ है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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