श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मंदिरो में उमड़ी भक्तों की श्रद्धा, हो रही विशेष पूजा अर्चना
द्वापर युग की तरह ही आज जन्माष्टमी पर बना दुर्लभ योग
धमतरी। आज कृष्ण जन्माष्टी देश भर में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। जिले में भी पर्व को लेकर उत्साह का माहौल है। शहर के बांकेबिहारी मंदिर में जन्माष्टमी को लेकर विशेष आयोजन हो रहे है। इसके अतिरिक्त जगदीश मंदिर, श्रीराम जानकी मंदिर, किले के श्रीराम मंदिर, किले के हनुमान मंदिर सहित शहर के कई मंदिरो में विशेष पूजा अर्चना व श्रृंगार किया गया। बता दे कि बांकेबिहारी मंदिर में कल रात 12 बजे तक महाभिषेक किया गया। इसके पश्चात बांकेबिहारी की महाआरती की गई। छप्पन भोग चढ़ाया गया। आज सुबह से ही मंदिर में भक्तों की भीड़ दर्शन हेतु उमड़ी। महिलाओं द्वारा भजन की प्रस्तुति दी गई। बांकेबिहारी के झूलना सजाया गया जिसे भक्तों द्वारा भाव पूर्वक झुलाया गया। रात्रि 12 बजे मटकी फोड़ व दही लूट के साथ श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जायेगा।
ज्ञात हो कि भगवान कृष्ण अपनी बाल लीलाओं के कारण सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं. लोग उन्हें अपने घरों में बाल रूप में रखते हैं और परिवार के सदस्य की तरह उनकी देखभाल करते हैं. वहीं हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कन्हैया का जन्मोत्सव मनाया जाता है. आज व्रत रखकर विधि विधान से भगवान कृष्ण की पूजा की जाएगी। इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व काफी खास होने जा रहा है, क्योंकि इस दिन कुछ वैसे ही दुर्लभ योग बन रहा है जैसा 5251 वर्ष पूर्व यानी द्वापर युग में बना था। इस दिन सवार्थ सिद्धि, रोहिणी नक्षत्र के साथ सूर्य सिंह में, चंद्रमा वृषभ राशि में रहेगा।
ऐसा दुर्लभ योग बनना काफी शुभ माना जा रहा है। इस योग में पूजा करने से कई गुना अधिक फल मिलेगा। भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की मध्यरात्रि व्यापनी अष्टमी तिथि, बुधवार और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। आज भी सवार्थ सिद्धि योग बन रहा है और रोहिणी नक्षत्र होने से एक विशेष योग बन रहा है।