नलो में मीटर लगाने की योजना ठप्प, रोजाना हजारों लीटर पानी की हो रही बर्बादी
कई नलो से टोटी है गायब, सुबह शाम व्यर्थ बहता है पानी
लगातार प्रयासों के बाद भी जल की उपयोगिता महत्ता को नहीं समझ रहे लोग
धमतरी। कुछ साल पहले धमतरी शहर में नल कनेक्शन में मीटर लगाकर पानी की बर्बादी रोकने की योजना पर विचार किया गया लेकिन यह योजना धरातल पर नही आ पाई नतीजन लोग बेखौफ होकर अमूल्य पानी की बर्बादी कर रहे है।
ज्ञात हो कि नगर निगम अन्तर्गत शहर के 40 वार्डो में 200 से अधिक बोर निगम द्वारा कराया गया है इन बोर से पाईप लाईन जोड़कर वार्डो में घर-घर पेयजल उपलब्ध कराया जाता है। वहीं वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से शहर में पाईप लाईन के माध्यम से पानी सप्लाई की गई जाती है। इससे शहर के अधिकांश आबादी को जल संकट से जूझना नहीं पड़ता। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी है जो पानी की इस सुविधा का महत्व नहीं समझते है। और रोजाना ही व्यर्थ पानी की बर्बादी करते है। ऐसे में कुछ साल पूर्व नगर निगम द्वारा नलो में स्मार्ट मीटर लगाने पर विचार किया गया। इसके तहत घरो में उपयोग होने वाले पानी के अनुसार शुल्क लिया जाता इससे लोग पानी की बर्बादी से बचते लेकिन यह योजना शुरु ही नहीं हो पाई। नतीजन आज भी कई ऐसे लोग है जो पानी के महत्व को समझ नहीं रहे है।
शहर के लगभग सभी वार्डो में कई ऐसे नल कनेक्शन है जिनमें टोटी ही नहीं लगा है। जिसके कारण उपयोग का पानी भरने के बाद शेष पानी व्यर्थ बहते रहता है। दरअसल कई ऐसे लोग है जिन्हें नलो में टोटी लगाने से पानी की धार कम आने से दिक्कत है। इसलिए अपना कुछ समय बचाने टोंटी ही निकाल देते है। भले ही उसके बाद पानी की बर्बादी रोजाना होता रहे। कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा भी घरो के बाहर लगे नलो की टोटी को कभी कभी चुरा लिया जाता है। लेकिन इसके बाद भी टोटी लगाकर पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है।
भविष्य के खतरे को कर रहे नजरअंदाज
गर्मी के मौस में हर साल जल संकट बढ़ता जा रहा है। वाटर लेवल लगातार नीचे जा रहा है। इस साल जिले में औसत वाटर लेवल 21 मीटर तक नीचे चला गया था। जिससे कई हैण्डपंप बोर सूख गये। लोगो को पानी की समस्या से जूझना पड़ता। इसके अतिरिक्त देश के कई हिस्सों में जल संकट विकराल रुप धारण कर चुका है। कई बड़े शहर सूखाग्रस्त हो चुके है। आने वाले दिनो में जल संकट सबसे बड़ा हो सकता है। इसलिए इसके संरक्षण हेतु विभिन्न प्रयास किये जा रहे है। जन जागरुकता अभियान भी चलाया गया लेकिन इसका विशेष असर लोगों की मानसिकता पर नजर आ रहा है।