32 वर्षो से लगातार गणेश चतुर्थी पर किया जा रहा अखण्ड जलाभिषेक व पाठ
गणेश मंदिर में आज सुबह 6 बजे से कल सुबह 6 बजे तक होगा 24 घंटे अखण्ड जलाभिषेक, अखण्ड श्रीगणपति अथर्व शीर्षम पाठ
जलाभिषेक का जल लगभग 100 फीट भूमि में जाता है जिससे जल संरक्षण संवर्धन की मिल रही सीख
धमतरी। कल गणेश चतुर्थी पर्व हर्षोल्लास से मनाया जायेगा, जगह-जगह भगवान श्री गणेश विराजेंगे। पर्व को लेकर गणेश मंदिरो में भी विशेष तैयारियां की जा रही है। मठमंदिर स्थित श्री सिद्धीविनायक गणेश मंदिर में हर साल 24 घंटे का अनवरत जलाभिषेक भगवान को किया जाता है, मंदिर में 24 घंटे का अखण्ड जलाभिषेक रखा गया है. जो आज सुबह 6 बजे तक प्रारंभ होकर कल सुबह 6 बजे तक अनवरत जारी रहेगा। वहीं आज प्रात: 6 बजे से मंदिर में अखण्ड श्रीगणपति अथर्व शीर्षम पाठ किया जा रहा है। जिसमें विद्वानों आचार्य पंडित होमप्रसाद शास्त्री, पं. कामेश्वर पाण्डेय, पं. श्रीकांत तिवारी, पं. चिरागधर दीवान, पं. नरेशधर दीवान पं. पं. वैभवधर दीवान, नीतिन दिवान द्वारा अखण्ड पाठ किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि गणेश मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। वहीं आज शाम से भक्तों की भीड़ और भी बढ़ जायेगी जो कल दिन भर रहेगी। पं. श्रीकांत तिवारी ने चर्चा के दौरान बताया कि गणेश चतुर्थी पर भगवान के दर्शन व पूजा अर्चना का पूण्य लाभ होता है।
उल्लेखनीय है कि 1992 में मंदिर का पुन: जीर्णोद्धार हुआ। वहीं 1993 से जलाभिषेक प्रारंभ हुआ। आज 32वें वर्ष भी अखण्ड जलाभिषेक जारी है। बता दे कि मंदिर में जलाभिषेक का जल लगभग 100 फीट भूमि में जाता है। जिससे जल संरक्षण संवर्धन का भी संदेश दिया जा रहा है। पंडितो ने बताया कि जलाभिषेक करने का विधान है। श्रीगणेश जलात्व के देव है। जिसका अभिषेक ताम्र के पात्र में 108 क्षिद्र या सहस्त्र क्षिद्र से करने का विधान है। इससे सभी प्रकार के मनोकामनाएं पूर्ण होती है। उल्लेखनीय है कि मठमंदिर चौक स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर एक प्राचीन मंदिर है। बताया जाता है कि मंदिर ट्रस्ट का गठन सन 1932 में हुआ उस दौरान मंदिर स्थल पर श्री गणेश की एक छोटी प्रतिमा थी जिसके पश्चात धीरे-धीरे मंदिर का रुप बढ़ा। सिद्धिविनायक के स्थापना का स्पष्ट उल्लेख नहीं है।
गणेश चतुर्थी पर होगा श्रृंगार, हवन पूजन, महाआरती व प्रसादी वितरण
कल गणेश चतुर्थी पर प्रात: 8 बजे से श्री सिद्धि विनायक का श्रृंगार होगा। 10 बजे से हवन पूजन प्रारंभ होगा। 12 बजे महाआरती के पश्चात प्रसाद वितरण होगा। गणेशोत्सव के दौरान रोजाना संध्याकालीन महा आरती रोजाना सिद्धिविनायक मंदिर में होगी।