सार्थक स्कूल के विशेष बच्चो को समझाया गया मतदान का महत्व
प्रशिक्षकों ने तैयार किया मतदान कक्ष का डेमो
धमतरी. मानसिक दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र सार्थक स्कूल में मतदान जागरूकता अभियान स्वीप के अंतर्गत स्कूल के विशेष बच्चों को मतदान करना व उसके महत्व को समझाने सार्थक के प्रशिक्षकों ने मतदान कक्ष का डेमो तैयार किया था। जिसमे विशेष बच्चों ने अपने पालकों की उपस्थिति में प्रशिक्षकों के निर्देशन में मतदान करना सीखा।सर्वप्रथम सार्थक की विशेष बच्ची दीपाली जो चलने में अक्षम हैं , ने व्हीलचेयर में अपनी मम्मी की सहायता से मतदान के डेमो कक्ष में प्रवेश कर अपना आधार कार्ड, पंजीयन टेबल पर दिखाया। अगले चरण में अपनी बाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर स्याही लगवाकर आगे के प्रोसेस में बढ़ी और वोटिंग कंपार्टमेंट में जाकर बैलेट मशीन का अपनी इच्छा अनुसार एक बटन दबाया। ये सभी क्रियाएं दीपाली और अन्य विशेष बच्चों के लिए नया अनुभव था जिसे विशेष बच्चों ने खुब उत्साह से निभाया।
सार्थक के विशेष बच्चे यज्ञदत्त साहू, हर्षिता गजेंद्र, निखिल जैन, देवश्री सार्वा ने मतदान की प्रत्येक कड़ी के साथ मतदान करके दिखाया। विशेष बच्चों की मतदान डेमो प्रस्तुति देखकर पालकगण बेहद प्रफुल्लित हुये। सार्थक अध्यक्ष डॉ. सरिता दोशी ने बताया कि, वर्तमान में 18 वर्ष के उपर आयुवर्ग के 36 बच्चे सार्थक में अध्ययनरत हैं। जिनमे से 9 बच्चो ने पहले मतदान किया हैं। बाकी बच्चो को मतदान डेमो द्वारा प्रशिक्षकों ने मतदान प्रशिक्षण दिया है। यह प्रशिक्षण, मतदान करने योग्य विशेष बच्चों को निश्चित ही उपयोगी साबित होगा और विशेष बच्चे भी मतदान के महत्व को समझकर मतदान करेंगे।
प्रशिक्षक मैथिली गोडे, गीतांजली देवी, स्वीटी सोनी, देविका दीवान, सुनैना गोड़े और सार्थक के बच्चों के पालकों ने मतदान डेमो में सहयोग किया ।