अव्यवस्थित गोलबाजार से रोज होता है यातायात जाम
शहर के सबसे व्यस्त क्षेत्र में सड़क पर खड़ी होती है गाडिय़ां
हर साल निगम बजट में होता है गोल बाजार के पुन:निर्माण व विकास के लिए राशि का प्रावधान लेकिन नहीं मिलती स्वीकृति
धमतरी। शहर के सबसे व्यस्त क्षेत्र में अव्यवस्था हावी है। यहां दिन में कई बार जाम की स्थिति निर्मित होती है। सालों से यहां समस्या बनी हुई है। लेकिन आज तक इसका समाधान नहीं निकाला जा सका है।
बता दे कि शहर के मध्य स्थित गोलबाजार क्षेत्र में भीतर व बाहर शहर का सबसे प्रमुख बाजार स्थित है इस मार्ग पर विशेषकर गोलबाजार के के सामने दिन में कई बार यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है। जाम की स्थिति उत्पन्न होती है और लोग परेशान होकर व्यवस्था को कोसते है। गोलबाजार के बाहर सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। यहां पार्किंग की पर्याप्त जगह नहीं है। इसलिए लोग गोलबाजार के बाहर सड़क पर ही अपनी वाहन खड़ी कर देते है। नतीजन रोजाना यहां सड़क पर वाहनों की कतार लगी रहती है। जिससे आवागमन बाधित होता है। पास में सराय स्कूल काम्पलेक्स में पार्किंग की थोड़ी जगह है जहां स्थानीय व्यापारियों व कुछ अन्य लोगों के वाहन ही पार्क हो पाते है। साल दर साल गोलबाजार क्षेत्र की समस्या बढ़ती जा रही है। इसका अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सका है। गोल बाजार के पिछले हिस्से में आमापारा मार्ग एक तरीके से गोलबाजार बालक चौक मार्ग के लिए बायपास का कार्य करती है। चूंकि सदर क्षेत्र में मालवाहको का प्रवेश दिन में निषेध रहता है इसलिए कुछ मालवाहक चालकों द्वारा आमापारा रोड से वाहनों को प्रवेश कराया जाता है। कई बार तो सड़क पर गाडिय़ां खड़ी कर लोडिंग अनलोडिंग की जाती है। जिससे इस मार्ग में भी जाम की समस्या बनी रहती है।
ज्ञात हो कि नगर निगम के सालाना बजट में हर बार गोलबाजार के पुर्ननिर्माण व विकास हेतु राशि का प्रावधान किया जाता है। लेकिन स्वीकृति नहीं मिल पाती है। गोलबाजार दशकों पुराना है। जर्जर भी हो चुका है। इसे पुन: व्यवस्थित ढंग से बनाया जा सकता है। निगम के सत्र 2021-22 के बजट में गोलबाजार के पुर्ननिर्माण व विकास के लिए 6 करोड़ 38 लाख की राशि का प्रावधान किया गया। वहीं सत्र 2022-23 के अनुमानित बजट में राशि को दोगुनी से ज्यादा कर 14 करोड़ 70 लाख रुपये का प्रावधान किया गया। बताया जाता है कि उक्त राशि की यदि स्वीकृति मिल जाती तो गोलबाजार में अंडर ग्राउंड पार्किंग और मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाया जाता इससे पार्किंग की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाता और बाजार व्यवस्थित हो जाता। दुकानों की संख्या बढ़ती जिससे व्यापार और निगम की आय भी बढ़ती। लेकिन विडम्बना है कि यह प्रयास फाईलों तक ही सीमित। भाजपा, कांग्रेस दोनो के शासनकाल में अब तक आश्वासन का छुनछुना ही मिला है।
निगम और यातायात पुलिस हो जाती है बेबस
गोलबाजार के बाहर सड़क पर पसरा लगाकर व्यवसाय किया जाता है उसके बाद वाहनों खड़ी होती है। इससे मार्ग और संकरा हो जाता है। इससे जाम की समस्या निर्मित होती है। इसमें सुधार हेतु कई बार नगर निगम व यातायात पुलिस द्वारा संयुक्त रुप से प्रयास किया गया लेकिन इससे कोई विशेष सुधार नहीं पो पाया। पसरा हटाये तो विवाद होता है और फिर राजनीति हावी हो जाती है। और यदि सड़क पर खड़ी गाडिय़ों पर कार्रवाई करें तो प्रभावित लोग व कई व्यापारी ज्यादती का आरोप लगाकर विरोध करने लगते है। ऐसे में यातायात पुुलिस व निगम अमला भी बेबस हो जाती है।
”गोल बाजार व आमापारा मार्ग शहर का व्यस्त क्षेत्र है। इस मार्ग में बेतरतीब पार्किंग व जाम की समस्या से राहत दिलाने समझाई दी जाएगी। साथ ही कार्रवाई भी होगी। निगम के साथ योजना बनाकर इस दिशा में कार्य करेंगे। आमापारा में स्टापर लगाकर व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी। ÓÓ
मणीशंकर चन्द्रा
डीएसपी यातायात