संसार को मायाजाल का ग्रहण लग गया है इस ग्रहण को दूर करने का प्रयास करना है – श्री विशुद्ध सागर जी म.सा.
धमतरी। उपाध्याय प्रवर अध्यात्म योगी परम पूज्य महेंद्र सागर जी म.सा. युवा मनीषी परम पूज्य मनीष सागर जी म.सा. के शिष्य रत्न युवा संत परम पूज्य श्री विशुद्ध सागर जी म.सा. ने आज के प्रवचन के माध्यम से फरमाया कि अपने मन को भोग के रोग से और पाप के संताप को हटा लें तो जीवन का उद्धार हो सकता है। ये दुनिया एक भ्रम है। जिसको मैं परिवार कहता हू वो संसार का केवल एक व्यवहार है, जिसको धनवान कहता हू वो माया का जंजाल है। इसलिए मोह – माया का चक्कर हटाकर निजचरण अर्थात स्वयं के अंदर रहे हुए परमात्मा को स्मरण करना है। ज्ञानी कहते हैं राग की आग में और द्वेष के बीच में अगर फंस गया तो संभलना मुश्किल है। मेरी चांद जैसी आत्मा में मानो संसार के मायाजाल का ग्रहण लग गया है। अब इस ग्रहण को दूर करने का प्रयास करना है। इस संसार में जब से आए हैं संसार के हर वस्तु के लिए मेरी-मेरी ही करते है । पर इतना तो सोच इस संसार में क्या तेरा है । तू संसार की वस्तुओं को ज्ञान की कसौटी पर परख कर देख। समझ आ जायेगा कुछ भी तेरा नहीं है। हे मानव तू अनादि से इस संसार का चक्कर लगा रहा है। कभी देव गति तो कभी नरक और तिर्यंच गति पाता रहा है। और ये सब इस कर्म के चक्कर में संसार का चक्कर लगाते रहा है। अब कुछ ऐसा कर की कर्म को चक्कर लगाना पड़े। जिस दिन ऐसा कर पाया उस दिन इस संसार से मुक्त हो जायेगा। ज्ञानी कहते हैं आत्मा तो गुणों की खान है । अगर आत्मा में सम्यक ज्ञान, दर्शन और चारित्र का प्रकाश आ जाए तो आत्मा समकीत को प्राप्त कर सकता है, जिससे आत्मा का संसार भ्रमण संक्षिप्त हो जायेगा। मानव जीवन भले ही मलमूत्र की खान है, भले ही नाशवान है लेकिन फिर भी मानव जीवन मोक्ष का साधन है। मानव जीवन साधना का सुअवसर है। इस जीवन में प्राप्त साधनों से साधना करके साध्य बनने का पुरुषार्थ करना है। ज्ञानी मिथ्यात्वी को पहचानने का लक्षण बताते हुए कहते हैं कि वह अपने प्रभाव को बढ़ाने का काम करता है किंतु स्वभाव को बदलने का नहीं। वह जगत की मानता है पर जगतपति अर्थात परमात्मा की नहीं। वह धर्म दिखावे के लिए करता है आत्म-विकास के लिए नहीं। मिथ्यात्व में ममत्व मिला हुआ होता है जिसके कारण हम मिथ्यात्व को छोड़ नही पाते हैं।
रविवार को प्रात: 8.45 बजे से होगा श्री गौतम स्वामी महापूजन
रविवार को प्रात: 8.45 बजे से श्री गौतम स्वामी महापूजन होगा। सोमवार को प्रात: 8.36 बजे से श्री पाश्र्व नाकोड़ा भैरव महापूजन होगा। उपरोक्त दोनों कार्यक्रम में विधिकारक के रूप में अमित मेहता (आकोदिया) उपस्थित रहेंगे। दोनो कार्यक्रम श्री पाश्र्वनाथ जिनालय (इतवारी बाजार) में परम पूज्य युवा संत श्री विशुद्ध सागर जी म.सा आदि ठाणा 3 की निश्रा में संपन्न होगी। उपरोक्त दोनों महापूजन के लाभार्थी परिवार नेमीचंद अमरचंद चोपड़ा परिवार है।