5-6 अक्टूबर को आयोजित जल जगार महोत्सव से आएगी जल, पर्यावरण संरक्षण जागरुकता की नई लहर, गंगरेल बांध को देश-विदेश में मिलेगी अलग पहचान
महोत्सव से जल संकट से राहत दिलाने, फसल चक्र परिवर्तन के प्रति जागरुकता लाने मिलेगी विशेष मद्द
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय होंगे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, देश विदेश के कई अन्य व्हीआईपी गेस्ट बढ़ाएंगे आयोजन की शोभा
जल ओलपिंक, कार्निवाल, कबाड़ से जुगाड़, रुद्राभिशेषक, ड्रोन शो, बहरुपिया कार्यक्रम, नवरात्र मेला सहित कई कार्यक्रम होंगे आकर्षण का केन्द्र
महोत्सव से गंगरेल बांध पर्यटन को मिलेगी नई गति, आयोजन को सफल बनाने कलेक्टर नम्रता गांधी कर रही है हर संभव प्रयास
धमतरी। जिले के रविशंकर शुक्ल जलाशय गंगरेल बांध में 5 व 6 अक्टूबर को जल जगार महोत्सव का आयोजन किया जायेगा। जिसके संबंध में कलेक्टर नम्रता गांधी द्वारा लगातार युद्ध स्तर पर बैठके व निरीक्षण कर कार्यक्रम के तैयारियों को अंतिम रुप देने जुटी हुई है। बता दे कि जल जगार महोत्सव की शुरुवात इस वर्ष फरवरी-मार्च माह में हुई जब भीषण जल संकट को देखते हुए कलेक्टर नम्रता गांधी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जिले 20 ग्राम पंचायतों को चिन्हित किया गया। जहां भू जल अक्सर काफी नीचे चला जाता है जहां जल पहरी नीरज वानखड़े व अधिकारियों की टीम द्वारा जागरुकता अभियान चलाया गया। भूजल स्ट्रक्चर, रेनवाटर हार्वेस्टिंग का डेमो प्रस्तुत कर जागरुकता लाई गई। इसके पश्चात 370 पंचायतो में यह अभियान चला। जिससे लोगो में जल व पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुकता आई। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए गंगरेल में बांध में जल जगार महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उक्त आयोजन राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होगा। जिसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुख्य अतिथि होंगें। साथ ही देश विदेश के अन्य कई व्हीआईपी गेस्ट कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।
बता दे कि जल जगार का उद्देश्य लोगो में जल व पर्यावरण संरक्षण के प्रति नई जागृति लाना है. साथ ही किसानों को फसल चक्र परिवर्तन के प्रति जागरुक करना है ताकि खेती के दौरान पानी की खपत कम हो। कलेक्टर अपने इस प्रयास में सफल होती नजर आ रही है। और उक्त जल जगार महोत्सव से यह जागरुकता अभियान न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश विदेश तक लोगो को जागरुक करेगी। बता दे कि जल जगार महोत्सव के आयोजन से गंगरेल बांध की ख्याति भी देश विदेश में फैलेगी इससे वहां के पर्यटन को गति मिलेगी।
ज्ञात हो कि 5 अक्टूबर को जल ओलंपिक, कार्निवाल, जल सभा, नवरात्रि मेला, रूद्रा विथ वाटर, आसमान से कहानी, उद्योगों में हुए बेस्ट प्रेक्टिसेस, कबाड़ से जुगाड़, प्रदर्शनी और विभिन्न खेल इत्यादि कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसी दिन कल्चरल नाईट में बैंड प्रदर्शन, ऑर्केष्ट्रा, बहरूपिया दिवाकर शो और अन्य प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इसी तरह जल जगार महोत्सव के दूसरे दिन 6 अक्टूबर को गंगरेल ट्रायल रन, जल ओलंपिक, रूद्रा विथ वाटर, आसमान से कहानी सहित कल्चरल कार्यक्रम आयोजित होंगे। उक्त महोत्सव को नारी शक्ति से भी जोड़ा गया है। 108 जल संरचानो से जल एकत्रित कर रुद्राभिषेक किया जायेगा जिसके पश्चात पुन: जल को नदी में प्रभावित किया जायेगा।
सजेगी आकर्षक जागरुकता रंगोली
जल जगार महोत्सव के तहत 5 अक्टूबर को सुबह 9 से 10.30 बजे तक रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। जहां जागरुकता संबंधित आकर्षक रंगोली बनाई जाएगी। जिसमें इच्छुक महिला एवं पुरूष प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। रंगोली बनाने के लिए रंगों के साथ ही चावल के आटे, चॉक, महीन क्वार्टज पाउडर, फूलों की पंखुडिय़ां, अनाज या वनस्पति आदि चीजों का उपयोग किया जाएगा। रंगोली प्रतियोगिता 30 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे।
मैराथन में दौड़ लगाकर किया जायेगा जागरुक
6 अक्टूबर को हाफ मैराथन का आयोजन किया जाएगा। हाफ मैराथन तीन श्रेणियों में आयोजित होगा, इसमें गंगरेल हाफ मैराथन, एन्डुरन्स रन और वॉकेथॉन शामिल है। इसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त विजेताओं को पुरस्कार मिलेगा। गौरतलब है कि गंगरेल हाफ मैराथन के तहत 21.1 किलोमीटर का मैराथन सुबह 5.30 बजे से होगा। इसमें 18 से 29 वर्ष, 30 से 49 वर्ष तक की आयु वर्ग तथा 50 वर्ष से अधिक आयु के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। इसमें प्रथम पुरस्कार 10 हजार रूपये, द्वितीय पुरस्कार 7500 रूपये तथा तृतीय पुरस्कार 5 हजार रूपये है। इसी तरह एन्डुरन्स रन के तहत 10 किलोमीटर का मैराथन सुबह 6.15 बजे से आयोजित होगा। इसमें प्रथम पुरस्कार 6 हजार रूपये, द्वितीय पुरस्कार 3 हजार रूपये और तृतीय पुरस्कार 2 हजार रूपये रखा गया है। इसके साथ ही पारिवारिक मनोरंजन के लिए वॉकेथॉन के तहत 5 किलोमीटर का मैराथन सुबह 6.30 बजे से होगा। इसमें पुरूष और महिला दोनों श्रेणियों के लिए अलग-अलग पुरस्कार प्रदाय किए जाएंगे।
महोत्सव के दौरान यह रहेगी व्यवस्था
महोत्सव के सफल बनाने व्यवस्थित प्लान तैयार किया गया है जिसके तहत पार्किंग व आवागमन रूट चार्ट, कंट्रोल रूम, सीसीटीवी, फूड स्टॉल, पेयजल की व्यवस्था, बिजली व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था सहित विविध होंगी। कार्यक्रम स्थल के साफ सफाई, एंबुलेंस की व्यवस्था, बेहतर सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। प्रतिभागियों की व्यवस्था के साथ पर्याप्त वॉलिंटियर्स की व्यवस्था रहेगी।
आस्र्टिस्ट अपनी प्रस्तुति से बढ़ाएंगे कार्यक्रम की शोभा
जल जगार महोत्सव के तहत 5 व 6 अक्टूबर को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया जायेगा। जिसमें बैंड द्वारा आक्र्रेस्टा, बहरुपिया, इंदिरा कला संगीत महाविद्याय द्वारा प्रस्तुत दी जाएगी। साथ ही छत्तीसगढ़ी फिल्म स्टार व विधायक अनुज शर्मा, सुप्रसिद्ध गायिका आरु साहू, गरिमा दिवाकर, स्वर्णा दिवाकर के शो होंगे।
जल जगार के तैयारियों को लेकर युद्ध स्तर पर जुटी कलेक्टर
जल जगार महोत्सव को सफल बनाने कलेक्टर नम्रता गांधी काफी समय से तैयारियों में जुटी हुई है। अलग-अलग अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपकर कार्यो की प्रगति की समीक्षा करती है। स्वयं कार्यक्रम स्थल की व्यवस्था का जायजा लेेंने पहुंचती है। रोजाना अधिकारियों की कार्यो की समीक्षा पश्चात और बेहतर व्यवस्था हेतु निर्देशित करती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्कूली बच्चों, रेडक्रास, स्काउट गाइड, समाजसेवी संस्थाओं, व्यापारी संगठनों, समाज प्रमुखो से आयोजन को सफल बनाने उपस्थिति की अपील की है।
जल, पर्यावरण संरक्षण उद्देश्य, 370 पंचायतो में चला जल जगार महोत्सव, 800 घरो व उद्योगो में लगा रैनवाटर हार्वेस्टिंग – कलेक्टर नम्रता गांधी
कलेक्टर नम्रता गांधी द्वारा शुरु किये गये जल जगार महोत्सव को व्यापक सफलता मिली। कलेक्टर नम्रता गांधी ने बताया कि लोग जल, पर्यावरण संरक्षण व फसल चक्र परिवर्तन के प्रति जागरुक हो रहे है। इसी का परिणाम है कि 370 पंचायतो में जल जगार महोत्सव का आयोजन किया गया। जहां हजारों लोगो को जागरुक किया गया। जिसके पश्चात नगर निगम व 5 नगर पंचायतों के 800 निजी घरो व अनेक उद्योगो में रैनवाटर हार्वेस्टिंग लगा। जिससे जल संरक्षण की दिशा में बड़ी मद्द मिलेगी। कलेक्टर ने कहा कि पर्यावरण और जल संरक्षण में जनभागीदारी को जोडऩा उद्देश्य है। जिसमें परम्परा को वापस लाकर जीवन में शैली में परिवर्तित किया जाये। क्योंकि यह सोच तभी सार्थक हो सकती है जब सामुहिक रुप से इस दिशा में प्रयास किया जाये। जल संरक्षण के तहत वन क्षेत्र के गांवो में खेतो पर चेकडेम बनाए गये जो आज आजीविका के साधन बन चुके है।
परसतराई व रावां की पहल से सीख लेनी चाहिए
कलेक्टर नम्रता गांधी ने कहा कि ग्राम पंचायत परसतराई व रांवा के लोगो ने भूजल स्तर को बनाये रखने के लिए फसल चक्र परिवर्तन को अपनाते हुए जागरुकता का परिचय दिया। इन पंचायतों से सभी को सीख लेनी चाहिए। पर्यावरण के प्रति हम सबका कर्तव्य है उन्होंने किसानो से अपील की है कि आने वाले गर्मी के मौसम में कम से कम धान की फसल ले। कम पानी की आवश्यकता वाले फसल जैसे दलहन-तिलहन लगाए। निजी जीवन में भी पानी को व्यर्थ बहाने से बचे। भीषण गर्मी में उत्पन्न होने वाले जल संकट के बारे में सोचे और भविष्य के खतरे को टालने के लिए आज से ही जल व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रयास करें।