जिले के 1490 स्कूलों में शिक्षकों के सैकड़ो पद रिक्त, शिक्षण कार्य होगा प्रभावित
प्रायमरीे व मिडिल स्कूलों में 420 अतिशेष के भरोसे हो रहा अध्यापन कार्य
हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विषय विशेषज्ञो की कमी, प्रभारी प्रचार्य के भरोसे चल रहे कई शासकीय स्कूल
धमतरी। 16 जून से नये शिक्षण सत्र की शुरुवात होगी। छात्र-छात्राएं नये सत्र में सुविधाओं और बेहतर अध्यापन की उम्मीद से सरकारी स्कूल पहुंचेंगे। लेकिन शिक्षकों की कमी के चलते उनके उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। बता दे कि जिले के कई शासकीय स्कूलो में सालों से शिक्षकों की कमी है। व्यापम द्वारा भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से पूर्व में शिक्षकों की भर्ती की गई थी बाउजूद इसके वर्तमान में भी शिक्षकों की कमी है जिससे नये शिक्षण सत्र में छात्र-छात्राओं का शिक्षण कार्य प्रभावित हो सकता है। मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 1490 शासकीय स्कूल है। जिनमें 6104 शिक्षकों के पद स्वीकृत है। इनमें 5296 शिक्षक पदस्थ है। वहीं 420 अतिशेष शिक्षकों द्वारा अध्यापन कार्य कराया गया। जबकि कुल 808 शिक्षकों के पद रिक्त है। जिले में 878 प्रायमरी स्कूल है। जिनमें 2300 शिक्षकों के पद स्वीकृत है। 2200 शिक्षक कार्यरत है। 347 अतिशेष शिक्षक है। जबकि 100 शिक्षकों के पद रिक्त है। 444 मिडिल स्कूल है। जिनमें 2272 शिक्षकों के पद स्वीकृत है। 1785 शिक्षक कार्यरत है। 73 अतिशेष शिक्षक है। 487 शिक्षकों के पद रिक्त है। 168 हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूल है। जिनमें 1532 शिक्षकों के पद स्वीकृत है। 1311 शिक्षक कार्यरत है। 221 पद रिक्त है। शासकीय स्कूलों में पदस्थ 111 शिक्षक इस सत्र में सेवानिवृत्त होने वाले है। ऐसे में शिक्षकों की कमी और बढ़ेगी। वहीं या तो अतिशेष शिक्षकों को बढ़ाकर शिक्षण कार्य करवाना होगा या फिर नये शिक्षकों की भर्ती करनी पड़ेगी। शिक्षकों की कमी के अतिरिक्त प्राचार्य की कमी भी शिक्षा विभाग को खल रही है। अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों को प्रभारी प्राचार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसलिए शिक्षक कार्यालीन कार्य में व्यस्त हो जाते है। इससे अध्यापन कार्य भी प्रभावित होता है। जिले में हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों में 168 प्राचार्यो के पद स्वीकृत है। जिनमें 31 ही कार्यरत है। शेष 137 प्राचार्य के पद शिक्षकों को प्रभार में देकर काम चलाया जा रहा है।
विशेषज्ञ शिक्षकों के पद रिक्त
हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की भारी कमी है। यहां 221 पद रिक्त हैं। संस्कृत व भौतिकी में शिक्षकों के 30-30 पद रिक्त हैं, जबकि वाणिज्य के 32 पद खाली पड़े हुए हैं। अर्थशास्त्र व भूगोल के 29 अंग्रेजी के 14, हिंदी के 25, रसायन के 25, गणित के 3 पद खाली पड़े हैं। विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी के चलते स्कूलों के परीक्षा परिणामभी प्रभावित हो सकते है।