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मंहगाई ने बिगाड़ा रसोई का बजट, तेज, प्याज, दाल सहित अन्य वस्तुओं के बढ़े दाम

गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों की बढ़ी त्यौहारी सीजन में परेशानी

धमतरी। मंहगाई से राहत मिल नहीं रही जो दाम पहले से बढ़े हुए है उनमें कटौती के बजाय और सामानों के दामो में वृद्धि की जा रही है। इसका सीधा असर आम आदमी के जीवन पर पड़ रहा है। विशेषकर त्यौहारी सीजन में दैनिक उपयोग के वस्तुओं के दाम में वृद्धि से लोग परेशान हो रहे है। बता दे कि पिछले दो महीने में सब्जियों से लेकर तेल आलु, प्याज, लहसून सहित अन्य दैनिक उपयोग के वस्तुओं के दाम काफी बढ़ गये है। नतीजन इसका सीधा असर रसोई के बजट पर पड़ रहा है। मंहगाई के कारण गृहणियों के रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। इसलिए त्यौहारी सीजन में अन्य खर्चो के साथ राशन का बजट बढऩा आर्थिक परेशानी का कारण बन सकता है।
बता दे कि सबसे ज्यादा वृद्धि खाद्य तेलो के दाम में हुई है। केन्द्र सरकार द्वारा खाद्य तेलो पर सीमा शुल्क 20 प्रतिशत बढ़ा दिया है इससे खाद्य तेज प्रति लीटर 20 रुपये इससे ज्यादा मंहगे हो गये है। यही कारण है कि 16 किलो तेल का पीपा जो कि 1650 से 1700 से मिल जाता था अब 2100 से 2200 तक मिल रहा है। सरकार ने पाम, सोया, सूरजमुखी तेल पर सीमा शुल्क एकाएक बढ़ा दिया है। इसका खामियांजा आम जनता को अपनी जेबे ढीली कर भुगतना पड़ रहा है। वहीं दाल के दाम भी बढ़े हुए है। 110 से 160 रुपये प्रति किलो के हिसाब से अरहल दाल बाजार में अलग-अलग वैरायटी के उपलब्ध है लेकिन जो दाल 110 में मिलते थे वहीं दाम 150 रुपये तक मिल रहे है। मूंगदाल के दाम में भी 40 से 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से वृद्धि हुई है। आलू 25 रुपये से 35-40 रुपये तक तो प्याज 25 से 60 रुपये किलो तक बिक रहा है। टमाटर सहित अन्य सब्जियां भी काफी मंहगे हो चुके है। लहसून के दाम में 50 से 70 रुपये तक वृद्धि हुई है। इस प्रकार रसोई में रोजाना उपयोग होने वाली वस्तुओं के दाम में वृद्धि से आम जनता की परेशानी बढ़ गई है।


मंहगाई की दोहरी पड़ रही भारी
चर्चा के दौरान गृहिणी सीमा साहू, कंचन देवांगन, पुष्पलता ध्रुव ने बताया कि सरकार द्वारा पहले से ही गैस सिलेण्डर पेट्रोल डीजल अन्य सामाग्रियों के दाम काफी बढ़ा कर जनता को आर्थिक चोट पहुंचा चुकी है। अन्तराष्ट्रीय बाजार में दामो में कमी होने पर भी उक्त सामान के दाम अपेक्षाकृत घटाये नहीं जाते और अब दैनिक उपयोग की राशन सामाग्रियों के दाम में वृद्धि से रसोई का बजट बिगड़ गया है। इसलिए दाम में कमी लाने के प्रयास करने चाहिए। जनता पहले से ही मंहगाई के बोझ तले दबी हुई उस पर त्यौहारी सीजन में मंहगाई की दोहरी मार ठीक नहीं है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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