धान खरीदी देरी से, कटाई के बाद धान की रखवाली पड़ रही भारी
अर्ली वैरायटी की फसल दीपावली के पहले से हो चुकी है पक कर तैयार, 30 प्रतिशत फसल की हुई कटाई
कई लघु, मध्यम वर्गीय किसानों के पास जगह नहीं होने से खेतो में खुले में पड़ा है धान
धमतरी। इस बार प्रदेश में धान खरीदी देर से 14 नवम्बर से शुरु होगी। लेकिन इसके पहले अर्ली वैरायटी वाली फसल लेने वाले किसानों की परेशानी बढ़ गई है। किसान फसल काट चुके है। लेकिन फसल रखे कंहा यह बड़ी समस्या है।
बता दे कि अर्ली वैरायटी वाले किसानों की फसल दशहरा पर्व के बाद से पकनी शुरु हो गई। जिसके बाद दीपावली के पहले से फसल कटनी शुरु हो गई है। अब तक एक तिहाई अर्ली वैरायटी धान फसल लेने वाले किसानों ने अपनी फसल काट ली है। मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिले में इस बार धान का रकबा लगभग 1 लाख 38 हजार 600 हेक्टेयर है। जिसमें लगभग 86 हजार हेक्टेयर फसल अर्ली वैरायटी की है। जिसमें से लगभग आधी फसल पककर तैयार हो चुकी है। और लगभग 25-30 प्रतिशत कटकर तैयार है। चूंकि धान खरीदी इस बार देरी से शुरु हो रही है ऐसे में कटाई के बाद धान की फसल को सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती बन गई है। कई लघु, मध्यम वर्गीय किसानों के पास न तो धान रखने खलिहाल है और न ही कोई गोदाम ऐसे में कटाई के बाद धान को खेत में ही रखना पड़ रहा है। जिसके कारण धान की रखवाली 24 घंटे करनी पड़ रही है। दिन में तो धान की देखरेख हो जाती है लेकिन रात में रखवाली तकलीफ देह है।
देरी से खरीदी से घटेगा मुनाफा
धान की रखवाली चोरो के साथ मवेशियों से भी करना है। इस बीच बारिश का खतरा भी सता रहा है। बारिश से सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इसके अतिरिक्त देरी से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी से किसानों की परेशानी बढऩे के साथ ही मुनाफा भी कम हो सकता है। किसानों ने बताया कि चूहे मवेशियो चोरो के साथ ही खेतो से कटाई के बाद धान को सुरक्षित रखने परिवहन फिर स्थान से खरीदी केन्द्रो तक ले जाने का खर्चा उपर से सूखत का डर धान को बचाने पॉलीथीन तिरपाल खरीददारी चौकीदारी में समय पैसो की खपत, गोदाम लेने पर किराया इन सब कारणों से धान की फसल में इस बार मुनाफा कम हो जाएगा।
सोसायटी कर्मचारियों के हड़ताल से खरीदी हो सकती है प्रभावित
सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ रायपुर के आव्हान पर तीन सूत्रीय मांगों को लेकर 4 नवम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरु किया गया है। गांधी मैदान में कर्मचारी हड़ताल पर है। चूंकि अब धान खरीदी प्रारंभ होने में ज्यादा समय शेष नहीं रह गया है। ऐसे में कर्मचारियों की हड़ताल से पहले से देर से हो रही धान खरीदी में और देरी हो सकती है। टोकन भी किसानों को नहीं मिल पाया है। ऐसे में यह भी एक समस्या है।
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