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गौमाता की सेवा का अर्थ 36 कोटि देवी देवताओं की सेवा के बराबर होता है – दीपक ठाकुर

गोपाष्टमी पर डांगीमाचा गौशाला पूजन एवं महाप्रसादी कार्यक्रम में शामिल हुए गौ सेवक

धमतरी। गौमाता की सेवा सारे पापों से मुक्ति दिलाने और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करने का वैदिक समाधान है । गोपाष्टमी के पावन पर्व पर समाजसेवी दीपक सिंह ठाकुर, डाकेश्वर साहू, उमेश साहू डांगीमाचा गौशाला पूजन एवं महाप्रसादी कार्यक्रम मे पहुंचे।कार्यक्रम में गौमाता की पूजा आरती एवं भोग भंडारा में सैकड़ों लोग सम्मिलित हुए और गौशाला के मनमोहक और पवित्र वातावरण का आनंद लिया और माता का आशीर्वाद प्राप्त किया। गौशाला में लगभग 450 गौमाता की प्रतिदिन सेवा गोदावरी दीदी और उनके सहयोगियों द्वारा की जा रही है, और बीमार हुई गौमाता की बहुत अच्छी तरह देखभाल और सेवा की जा रही है इतना अच्छा वातावरण देखकर मन बहुत भावुक हो रहा था।समाजसेवी दीपक ठाकुर ने गौसेवक वेदप्रकाश को गौशाला में सेवा करने के अवसर प्रदान करने के लिए आग्रह किया, और उन्हें आश्वस्त किया जब भी उनकी आवश्यकता होगी वो उनके लिए सौभाग्य की बात होगी।गौमाता की सेवा का अर्थ 36 कोटि देवी देवताओं की सेवा के बराबर होता है और गौमाता के आशीर्वाद से ही समूची सृष्टि का संतुलन बना हुआ है, सनातन धर्म में गरुड़ पुराण में गौ सेवा के महत्व को बताया गया है और मोक्ष प्राप्ति का सबसे बड़ा मार्ग भी गौसेवा ही है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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