नगरी रोड में बढ़ा यातायात का दबाव, हर पल छाया रहता है धूल का गुबार
केशकाल घाट की मरम्मत के चलते नगरी रोड से हो रही भारी वाहनों को आवागमन से बढ़ी परेशानी
ड्रेन टू ड्रेन सड़क नहीं बनने से सिहावा रोड पर सालो से है धूल की समस्या
धमतरी। केशकाल घाट के मरम्मत कार्य के चलते रायपुर- जगदलपुर रुट पर चलने वाली वाहनों की रुट बदला गया है। जिसके चलते धमतरी-जगदलपुर की ओर आने जाने के लिए अब नेशनल हाईवे के स्थान पर नगरी विश्रामपुरी से होते हुए वाहने गुजर रही है। जिससे धमतरी के सिहावा मार्ग पर यातायात का दबाव काफी बढ़ गया है। साथ ही धूल की समस्या की बद से बदतर हो गई है। बता दे कि नगरी रोड पर धूल की समस्या सालों से है। ड्रेन टू ड्रेन सड़क नहीं होने और पक्की सड़क के दोनो ओर की मिट्टीे कठोर नहीं होने के कारण भारी वाहनों के चलने से सड़क पर धूल का गुबार छा जाता है। समस्या तो पहले से थी लेकिन जब से नेशनल हाईवे 30 पर चलने वाली भारी वाहने ेभी केशकाल घाट के मरम्मत के कारण नगरी रोड से आवागमन करने वाली समस्या और विकराल हो चुकी है। अब तो धूल का गुबार हर पल छाया रहता है। रात्रि में भी धूल से राहत नहीं मिल पा रही है। ऐसे में लोग व राहगीर परेशान हो चुके है।
निवास व व्यवसाय हो गया है मुश्किल
इस संबध में चर्चा करते हुए कुछ लोगों ने अपनी पीड़ा बताते हुऐ कहा कि अब धूल और कीचड़ से इस कदर परेशान हो चुके है कि इस मार्ग में व्यवसाय करना मुश्किल हो गया है। स्थानीय निवासी तो धूल से इतना परेशान है कि 24 घंटे खिड़की दरवाजे बंद रखते है। घरो के बाहर छतो पर कपड़े और खाद्य सामाग्री भी सुखा नहीं पाते है। दुकानों में पल-पल धूल जमने लगता है। सफाई कर-कर के व्यापारी परेशान हो गये है। कई बार मांग के बाद भी इस मार्ग कर उद्धार नहीं हो पाया है जनता अब त्रस्त हो चुकी है।
सेहत पर पड़ रहा विपरीत प्रभाव
लगातार धूल के सम्पर्क में रहने के कारण सिहावा मार्ग के निवासियों और दुकानदारों की सेहत पर अब विपरीत प्रभाव पडऩे लगा है। चिकित्सकों के अनुसार लगातार धूल के सम्पर्क में रहने से श्वास, संबंधित बीमारियां हो सकती है। और जिन्हें पहले से ही श्वास संबधित बीमारियां है। उनके लिए यह धूल का गुबार और भी ज्यादा घातक साबित होता है। कई लोगों को धूल के कारण स्कीन एलर्जी की समस्या हो रही है। धूल के कारण आंखो में जलन, खुजली, शरीर पर ताले, बालों का झडऩा जैसे कई बार की शारीरिक परेशानियां भी हो रही है।