Uncategorized

उपार्जन केन्द्रो से संग्रहण केन्द्रो के लिए धान उठाव हुआ शुरु, लेकिन गति धीमी

राईस मिलर्स मीलिंग दर बढ़ाने सहित विभिन्न मांगो को लेकर कस्टम मीलिंग के लिए नहीं करा रहे पंजीयन, अनुबंध

बढ़ेगा परिवहन खर्च, शासन पर पड़ेगा अतिरिक्त वित्तीय भार
धमतरी। प्रदेश में 14 नवम्बर से धान खरीदी प्रारंभ हो चुका है। रोजाना किसान शासन को समर्थन मूल्य पर धान बेच रहे है। जिससे सोसायटियों में बम्फर आवक बनी हुई है। धान खरीदी के साथ ही कस्टम मीलिंग हेतु राईस मिलरों द्वारा पंजीयन व अनुबंध कर धान का उठाव उपार्जन केन्द्रो से ही किया जाता था, लेकिन इस बार स्थिति अलग है। अपनी विभिन्न मांगो को लेकर राईस मिलर्स कस्टम मीलिंग हेतु पंजीयन नहीं कराये है। जिसके चलते धान का उठाव भी नहीं हो पा रहा है। बता दे कि यदि उपार्जन केन्द्रो से धान का उठाव समय पर न हो तो जाम की स्थिति बन सकती है। जिससे खरीदी भी बंद हो सकती है। ऐसे में शासन द्वारा खरीदी सुचारु रुप से जारी रखने उपार्जन केन्द्रो से धान का उठाव कर संग्रहण केन्द्रो मेंं रखना प्रारंभ कर दिया गया है। जिससे फिलहाल उपार्जन केन्द्रो में जाम की स्थिति नहीं है। हालांकि धान की उठाव की स्थिति धीमी बताई जा रही है। यदि जल्द ही उठाव तेज नहीं किया गया तो जाम की स्थिति भी बन सकती है। वहीं उपार्जन केन्द्रो से संग्रहण केन्द्र तक धान परिवहन कराने से शासन पर परिवहन का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा।


ज्ञात हो कि तत्कालीन भूपेश सरकार द्वारा राईस मिलरों के मांगो को पूरा करते हुए कस्टम मीलिंग दर प्रति क्विंटल 60 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये किया गया था। जिसके पश्चात अब साय सरकार द्वारा कस्टम मीलिंग दर में लगभग आधी कटौती करते हुए प्रति क्विंटल 60 रुपये कस्टम मीलिंग दर कर दिया गया है। जिससे धमतरी जिले सहित प्रदेश भर के राईस मिलो पर संकट गहरा गया है। अब मिलर्स इतने कम दर पर कस्टम मीलिंग करने में असहमति जता रहे है। साथ ही पुराने भुगतान को कराने एवं पेनाल्टी नियमों को हटाने सहित अन्य मांग कर रहे है।
7 दिनों में हो चुकी है 60,018.04 मीट्रिक टन धान की खरीदी
जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर बीते 14 नवंबर से जिले के 74 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के कुल 100 धान उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से धान खरीदी की जा रही है। खाद्य अधिकारी ने बताया कि 22 नवंबर 2024 तक पंजीकृत एक लाख 28 हजार 210 किसानों में से 13 हजार 788 किसानों का कुल 60,018.04 मे.टन धान की खरीदी की गई है। खरीदी की गई धान का मूल्य 138.47 करोड़ रूपये है। यदि जिस प्रकार बम्फर आवक हो रही उसी अनुपात में धान का उठाव नहीं हुआ तो मेगाजाम लग सकता है और खरीदी भी प्रभावित हो सकती है।
जब तक शासन मांगो को पूरा नहीं करती मिलर्स कस्टम मीलिंग के लिए नहीं कराएंगे पंजीयन

अरवा राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश गोलछा व उसना राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन सांखला ने कहा कि जब तक शासन राईस मिलरों की मांगो को पूरा नहीं करती राईस मिलर्स न कस्टम मीलिंग के लिए पंजीयन कराएंगे न ही अनुबंध। जिले की अधिकांश राईस मिले बंद है। व्यापार प्रभावित हो रहा है। इसक असर राईस मिल व्यवसाय से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति पर पड़ रहा है। उन्होने आगे कहा कि बढ़ती मंहगाई के बीच कस्टम मीलिंग की दर को आधा किये जाने से मिलरों को कस्टम मीलिंग में परेशानी होगी। आर्थिक संकट से मिलरों को जूझना पड़ेगा। कई मिलरों को मिलो में ताला लगाना पड़ सकता है। मिलर्स को समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा उपर से प्रोत्साहन राशि को आधा कर दिया गया है। पांच साल में मंहगाई खूब बढ़ी है, मिलिंग का खर्च भी काफी बढ़ गया है। इसके बावजूद प्रोत्साहन राशि की पांच साल पुरानी दर वापस लाना कहीं से न्यायसंगत नही है। धमतरी जिले में कुल 224 उसना व अरवा मिले है, सरकारी नीति के तहत सभी मिलर्स अनुबंध कर कस्टम मिलिंग करते है। यही नहीं नई नीति में इस बार पेनाल्टी का भी प्रावधान किया गया है। मिलर्स समय पर चावल का लाट जमा नहीं करते है तो उन्हें जुर्माना पटाना होगा। पूरे प्रदेश में कस्टम मिलिंग के मामले में धमतरी जिला टॉप पर रहता है। यहां के मिलर्स न सिर्फ धमतरी बल्कि आसपास के 12 अन्य जिलों का धान उठाते है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!