Uncategorized

जिला बनने के 26 साल बाद भी धमतरी में उम्मीद के अनुरुप बढ़ नहीं पाये रोजगार के अवसर

वन, जल और संसाधनों से सम्पन्न होने के बाद भी धमतरी में नहीं हो पाया औद्योगिक विकास

न प्लांट लग पाये, न बड़े कल कारखाने लगे औ न ही मैन्यु फैक्चरिंग युनिट की हुई स्थापना

धमतरी। 6 जुलाई 1998 को धमतरी जिला बना आज धमतरी को जिला बने 26 वर्ष से ज्यादा हो गये है। लेकिन इतने सालों बाद भी जिले में विकास को पंख नहीं लग पाया है। आज भी धमतरी जिला होने के बाद भी अन्य जिलों की तुलना करें तो विकास में काफी पिछड़ा हुआ प्रतीत होता है। इतने सालो बाद भी यहां रोजगार के अवसर भी उम्मीद के अनुरुप नहीं बढ़े। आज भी स्थानीय युवाओं को रोजगार के लिए अन्य शहरों व राज्यों में जाना पड़ता है। बता दे कि धमतरी जिले मे उद्योग लगाने हेतु कई आवश्यक आर्हतायें मौजूद है। यहां कई नदी बांध है। इससे जल की पर्याप्त उपलब्धता है। यहां पर्याप्त वन है। प्रदूषण का स्तर भी कम है। और कई संसाधनों जैसे रेत, मुरम, पत्थर, कृषि, जैविक पौधो आदि की भी पर्याप्त उपलब्धता है। ट्रांसपोर्टिंग हेतु धमतरी जिला नेशनल और स्टेट हाईवे से कनेक्ट है। जिला का एक छोर उड़ीसा से लगता है। वहीं अन्य छोर राजधानी रायपुर, एजुकेशन सिटी दुर्ग भिलाई उत्तर बस्तर कांकेर, बालोद से भी जिला जुड़ा हुआ है। इससे विकास की संभावनायें अपार है। लेकिन इससे बाद भी यहां अब तक आपेक्षित औद्योगिेक क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया है। यहां न छोटे मध्यम बड़े प्लांट लग पाये न ही कल कारखाने व अन्य प्रकार की मैन्युफेक्चरिंग युनिट तक लग पाई नतीजन स्थानीय युवाओं के पास जिले में रोजगार व नौकरी के ज्यादा आप्शन नहीं है। ज्यादा युवा ग्रेजुएशन के बाद भी स्थानीय दुकानो में मामूली सैलरी पर कार्य करने मजबूर है।
उद्योग के नाम पर जिले में है सिर्फ राईस मिले
यदि उद्योग की बात करें तो धमतरी जिले में सिर्फ राईस मिले ही नजर आती है। यहां लगभग सवा दो सौ राईस मिले है। यहां उसना, अरवा मिले है। जहां शासन के धान की कस्टम मीलिंग की जाती है। और शेष समय धान को चावल बनाकर देश भर में एक्सपोर्ट किया जाता है। राईस मिलों से हजारों लोगों को रोजगार मिलता रहा है। लेकिन वर्तमान और भविष्य सुरक्षित करने हेतु अन्य उद्योगो की कमी खल रही है।
नेताओं और अधिकारियों में रही दूरदर्शिता की कमी
सन 1881 में ही धमतरी नगर, पालिका बन गई थी। इसके बाद 26 जुलाई 1996 को धमतरी जिला बना। प्रदेश की सबसे पुरानी नगर पालिका होने का गौरव धमतरी को प्राप्त है. इतने पुराने पालिका और जिला में औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसर न बन पाना राजनीतिक और प्रशासनिक नाकामी का परिणाम है। लोगों की माने तो धमतरी के नेताओं, जनप्रतिनिधियों के साथ ही समय-समय पर पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों में दूरदर्शिता की कमी रही या कहे दृढ ईच्छा शक्ति की कमी के चलते जिले में औद्योगिक विकास नहीं हो पाया। सालों से धमतरी का विकास कुरुद विस में या रायपुर में बैठे नेताओं ने तय किया है। स्थानीय नेता तो अपनी निजी राजनीति में ज्यादा मशगूल रहे।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!