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धमतरी में बढ़ी ठंड, पारा लुढ़क कर न्यूनतम 10 डिग्री पर

निगम ने ठंड से राहत दिलाने जलाए अलाव, ठंड से बचने लोग ले रहे गर्म कपड़े व अलाव का सहारा

उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं से बढ़ी ठिठुरन, बने शीतलहर जैसे हालात

धमतरी । पिछले कई दिनों से धमतरी जिला सहित पूरा छत्तीसगढ़ प्रदेश ठिठुर रहा है। तापमान में तेजी से गिरावट आई है। पारा सामान्य से नीचे चला गया है। नतीजन लोगों को शीतलहर का अहसास होने लगा है।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं का व्यापक असर तापमान पर पड़ रहा है। इन हवाओं के चलते प्रदेश के अधिकांश जिलो में पारा सामान्य से नीचे चला गया है। धमतरी जिले में भी ऐसी ही स्थिति है। कल 17 दिसम्बर को अब तक का सबसे ठंडा दिन बीता। कल जिले में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पूर्व पारा 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका था। पारा नीचे गिरने से लोगों को जबरदस्त ठंड का अहसास हो रहा है। ठंड से बचने लोग घरों में रजाई में रहना पसंद कर रहे है। ठंड से राहत पाने लोग गर्म कपड़ो व अलाव का सहारा ले रहे है। नगर निगम द्वारा भी हर साल की तरह इस साल भी नया बस स्टैण्ड सहित कुछ अन्य स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था की है। ताकि लोगो को ठंड से राहत दिलाई जा सकें। बता दे कि जिले में तापमान सामान्य से नीचे चला गया है। बता दे कि आने वाले दिनों में ठंड में कुछ राहत मिल सकती है। आसमान में बादल छाये रहने व 20 दिसम्बर को वर्षा की भी संभावना मौसम विभाग द्वारा बताई गई है। इससे न्यूनतम तापमान में वृद्धि होगी और लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिल पायेगी।
बेघरो और जानवरों के लिए ठंड ढा रहा सितम
ठंड बढऩे के साथ ही सेहत पर भी खतरा मंडराते रहता है। एक ओर जहां लोग घरो के भीतर गर्म कपड़े में ठंड झेल नहीं पा रहे है। वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे लोग भी है जो इस भीषण ठंड में खुले आसमान के नीचे सोने मजबूर है। कई लोग आज भी बेघर बेसहरा है जो दिन भर जैसे तैसे बीता कर रात में किसी दुकान के सामने सो जाते है। प्रशासन को ऐसे लोगो पर ध्यान देने की आवश्यकता है वहीं पशुओं के लिए भी ठंड का मौसम पीड़ादायक है। पशु भी ठंड से ठिठुरने मजबूर है।
बिगड़ रही सेहत, छोटे बच्चों पर खतरा
ठंड के मौसम में सेहत बनाया जा सकता है। लेकिन ज्यादातर ठंड बढऩे पर सेहत बिगड़ जाती है। ऐसा ही इन दिनों हो रहा है। ठंड बढने के साथ ही सेहत बिगडऩे की शिकायते भी बढ़ गई है। लोग सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार आदि बीमारियों से पीडि़त हो रहे है। वहीं सबसे ज्यादा सेहत पर विपरीत प्रभाव छोटे बच्चों पर पड़ रहा है। बच्चों को मौसमी बीमारियां घेर रही है। इसलिए अस्पतालों में मौसमी बीमारियों से पीडि़त मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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