विधायक ओंकार साहू ने शीतकालीन सत्र में माइक्रोफाइनेंस पर उठाया प्रश्न
धमतरी। धमतरी विधायक ओंकार साहू ने शीतकालीन सत्र के दौरान माइक्रोफाइनेंस घोटाला पर चर्चा की। उन्होंने कहा सदन में कहा गांव-गांव में महिलाएं समूह के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने के लिए तत्पर एवं उत्साहित हैं। जिसका फायदा फर्जी कंपनियां गांव-गांव में जाकर 10 से 12 महिलाओ का समूह तैयार कर उन्हे स्व रोजगार प्रदान करने एवं आर्थिक प्रलोभन देकर आधार कार्ड एवं अन्य दस्तावेज महिलाओं से प्राप्त कर उसके नाम पर बिना सहमति, जानकारी के 20000 से 40000 राशि का लोन लिया जा रहा है े किंतु लोन की राशि संबंधित महिलाओं को न देकर कंपनियां स्वयं मालामाल हो रही है एवं जिन महिलाओं के नाम पर लोन निकाला गया है। उन्हें माइक्रो फाइनेंस लोन रिकवर एजेंट के द्वारा किस्त भरने हेतु प्रताडि़त किया जा रहा है। जिससे महिलाएं और उनके परिजन खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और आर्थिक तथा मानसिक प्रताडऩा से तंग आकर आत्महत्या जैसे घातक कदम उठानें को विवश हों गए हैं। उन्होंने बताया विगत दिनों बालोद जिले गुरुर ब्लॉक के 77 गांव की 500 से भी अधिक महिलाओ से 12 करोड़ से भी अधिक राशि का वसूली करने की पुष्टि हुई हैं। उसी प्रकार जांजगीर चांपा एवं कोरबा जिले में फ्लोरा मैक्स नामक फर्जी कंपनी नें 50 हजार से अधिक महिलाओं से 150 करोड रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। उन्होंने कहा ठगी पीडि़त महिलाएं लगातार पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रही है एवं उनके कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं जबकि इतनी बड़ी संख्या में 50 हजार से अधिक महिलाओं से 150 करोड रुपए से अधिक राशि को फर्जी कंपनी तैयार कर ठगी करना आम व्यक्ति की बस की बात नहीं है। इसमें बड़े पहुंच वाले व्यक्ति अथवा सक्षम व्यक्तियों के संलिप्ता के बिना संभव प्रतीत नहीं होता है इसके लिए उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है ताकि पीडि़तों को शीघ्र न्याय मिल सके। उन्होंने कहा विदित है कि कर्ज से पीडि़त जांजगीर चांपा जिले की गांव दारंग की महिला के पति नें जहर खाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा भाजपा के शासन में आत्मघाती कदम उठाने के लिए गरीब वर्ग विवश हो गया है क्योंकि साय सरकार में उनका सुनने वाला कोई नहीं है। भाजपा सरकार तों केवल अडानी अंबानी की सरकार है। गरीबों को और गरीब बनाने वाली सरकार है। उन्होंने सदन के अध्यक्ष के माध्यम से सरकार से अपील करते हुए कहा गांव के लोगों को माइक्रो फाइनेंस, लोन , एवं वित्तीय ज्ञान आदि के लिए जागरूकता अभियान चलाएं जिसे भोले वाले ग्रामीण जन ठगी के शिकार होने से बचे।