रामायण हमे सिखाती है जीने की तरीके – अतुल कृष्ण
धमतरी । मां अंगारमोती गोधाम समिति तुमाबुजुर्ग द्वारा पुरानी कृषि उपज मंडी में 3 से 11 जनवरी तक श्रीराम कथा का आयोजन किया गया था। कथावाचक पं. अतुल कृष्ण भारद्वाज थे। आगामी दिसम्बर माह में 23 से 31 दिसम्बर तक पुन: श्रीराम कथा का आयोजन की घोषणा की गई। व्यास जी ने अन्तिम दिवस की श्री रामकथा का वर्णन करते हुए कहा गया कि दूसरों की सम्पति चाहे कितनी भी मूल्यवान हो उस पर हमारा कोई अधिकार नहीं है। चौदह वर्ष वनवास करने के पश्चात भगवान श्रीराम जब अयोध्या पहुंचे तो आयोध्यावासी खुशियों से झूम उठे। श्रीराम कथा के अन्तिम दिवस को कथा व्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज ने श्रद्धालुओं से कहा कि रामायण हमें जीने के तरीके सिखाती है। रामायण हमें आदर सेवा भोग, त्याग व बलिदान के साथ दूसरों की सम्पत्ति पर हमारा कोई अधिकार नही है, यह ज्ञान भी देती है। श्री रामकथा की अमृत वर्षा की शुरूवात हुई व्यास जी द्वारा सीताहरण लंका दहन, राम रावण युद्ध व विभिषण का राज्यभिषेक प्रसंग की व्याख्या मार्मिक ढंग से की। कथा प्रंसग में व्यास जी ने बताया भगवान कण-कण में विराजमान है। अगर हम समाज में दीन दुखियों जरूरत मंदो की सेवा करते है। जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने दीन-दुखियों, वनवासियों आदिवासियों के कष्ट दूर करते हुए उन्हें संगठित करने का कार्य किया एव उस संगठित शक्ति के द्वारा ही समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया। उसी प्रकार आज भी समाज में व्याप्त बुराइयों को अच्छे लोगों को संगठित करके ही दूर किया जा सकता है। जब धीरे-धीरे अच्छे लोंगों की संख्या बढ़ती जायेगी। संगठित होती जायेगी, तो समाज से बुराइयां भी कम हो जायेगी। कथा के यजमान देवेन्द्र राठी, दीपक लखोटिया, गोपाल राजेश शर्मा, डॉ. प्रभात गुप्ता और चंद्रशेखर कस्तवार परिवार रहा। श्रीराम प्रसादी के लिए यशवंत गजेन्द्र, लख्खू भाई भानुशाली, नरेन्द्र जायसवाल, दीपक मित्तल, सत्यनारायण राठी, लक्ष्मण राव मगर, दीपक ठाकुर, डॉ. रोशन उपाध्याय, रामलाल अग्रवाल, आनंद दयाराम साहू, मदन गोयल, योगेश सोनी, मोनू वाही, अश्विनी शर्मा, गोविंद गांधी, किशन प्रदीप अग्रवाल, शंकर लाल गजेन्द्र, रामभक्त परिवार, नंदलाल जसवानी, अग्रवाल समाज ने डॉ. नेपाल साहू, भरत भाई, दिलीप राज सोनी, हेमराज सोनी, वरूण राय, अमित सुरेश अग्रवाल, योगेश साहू, सत्यनारायण गुप्ता, राकेश कुमार गुप्ता, सत्यनारायण महावर, मणीलाल दयालजी मिराणी, फिरोज हिरवानी, बलराम केशवानी, आशीष अमित अग्रवाल, अशोक मुंजवानी, रोमी सावलानी, दयाराम अग्रवाल, द ट्रक ओनर्स एसोसिएशन, सनातन सेना परिवार, रूपेश राजपूत, महावीर मोहन चोपड़ा, धमतरी सराफा संघ भूषण सेठिया, दीपक जैन परिवार रहा। अन्य सहयोगियों में योगेश गांधी, घनश्याम साहू, विनोद पांडे, विनोद राव रणसिंह, बसंत गजेन्द्र, दुष्यंत गेंद्रे, दिलिप पटेल, बृजेश साहू, प्रकाश सिन्हा, चितरंजन गजेन्द्र, यदुनंद गजेन्द्र, श्री अमवानी, सुधीर गांधी, गजानंद साहू सहित सभी रामभक्त श्रद्धालु रहे।