भगवान अपने भक्तों के साथ सदा हर पल खड़े रहते हैं – पं. रामप्रताप शास्त्री

धमतरी। बांसपारा धमतरी में विकास निलवेणी पदमवार, विनय पदमवार एवं वीणा पदमवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन सभी ने भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया। कथा व्यास आचार्य पं. रामप्रताप शास्त्री महाराज कोविद ने नंद बाबा के घर पर उत्सव के माहौल का सुंदर वर्णन किया। कथा प्रसंग में शास्त्री जी ने कहा कि भगवान युगों-युगों से भक्तों के साथ अपने स्नेह रिश्ते को निभाने के लिए अवतार लेते आये हैं। भगवान अपने भक्तों के भाव और प्रेम से बंधे है, उनसे भक्तों की दुविधा कभी देखी ही नहीं जाती। वे अपने भक्तों की कामना की पूर्ति तो करते ही है साथ ही उनके साथ अपने स्नेह बंधन निभाने खुद इस धरा पर आते हैं। वामन अवतार, समुंद्र मंथन, श्री राम जन्मोत्सव और भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का सुंदर और भाव पूर्ण वर्णन किया। महाराजश्री ने कहा कि भगवान अपने भक्तों के साथ सदा हर पल खड़े रहते हैं। वे भक्तों के हाथों से दी प्रेम और भाव के साथ दी गई वास्तु उसी तरह ग्रहण करते हैं, जिस तरह से उन्होंने द्रौपदी का पत्र और गजेंद्र का पुष्प ग्रहण किया। भगवान ने काल रुपी मगर से भक्त गजराज की रक्षा की तो द्रौपदी के पुकार पर उसका संकट मिटाने स्वयं दौड़े चले आये। यह सारी कथाएं ये प्रमाणित करती हैं कि भक्तों के भाव से सदा बंधे रहने वाले भगवान भक्तों के साथ अपना स्नेह निभाने खुद आते हैं। जीवन में सब कुछ जरूरी है पर एक मर्यादा के अंदर सभी हो तो तभी तक सब ठीक है। कथा सुनने महेश शास्त्री, नरेश दीवान, रवि साहू, भिखम साहु, कृष्णा साहू, शिव कुमार, लड्डू महराज, लक्ष्मी, सुलोचना गुरुपंचायन, शंकुतला, सावित्रि चेतन सिन्हा, नागेन्द्र साहू आदि उपस्थित थे।

