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कुरूद में किसानों व महिला समूहों को डिजिटल कृषि तकनीक का व्यवहारिक प्रशिक्षण

कृषि मोबाइल एप्लिकेशनों के उपयोग से फसल प्रबंधन एवं आर्थिक निर्णय लेने में होगी मदद

धमतरी, 25 नवम्बर 2025/ कुरूद विकासखंड स्थित कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र (आईजीकेवी) द्वारा ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव एवं ग्रामीण उद्यमिता जागरूकता विकास योजना कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम बानगर में किसानों तथा स्थानीय महिला स्व–सहायता समूहों के लिए कृषि मोबाइल एप्लिकेशनों का व्यवहारिक प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन आयोजित किया गया। बी.एससी. कृषि (ऑनर्स) चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों ने ग्रामीण समुदाय को आधुनिक डिजिटल कृषि तकनीकों से जोड़ने की दिशा में यह सराहनीय पहल की।
प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभागियों को मोबाइल आधारित कृषि सलाह, मौसम पूर्वानुमान, प्राकृतिक आपदा चेतावनी, फसल रोग–कीट पहचान, बाजार भाव एवं मूल्य तुलना जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी सहज एवं सरल तरीके से प्रदान की गई। इस पहल से किसानों को लागत में कमी, समय की बचत और उत्पादन वृद्धि में सहायता मिलने की उम्मीद है।
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों द्वारा तीन प्रमुख मोबाइल एप्लिकेशनों — प्लॉटिकस ऐप, कृषि मंडी ऐप और दामिनी ऐप का लाइव प्रदर्शन किया गया।
प्लॉटिकस ऐप के माध्यम से फसल रोग–कीट पहचान, पोषक तत्वों की कमी, उपचार एवं प्रबंधन उपायों की जानकारी दी गई।
कृषि मंडी ऐप के प्रयोग से दैनिक बाजार भाव, नजदीकी मंडियों के मूल्य तुलना और सही विक्रय समय का चयन करने के तरीके बताए गए, जिससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिल सके।
वहीं दामिनी ऐप से आकाशीय बिजली की चेतावनी, सुरक्षा उपाय एवं मौसम जोखिम प्रबंधन की जानकारी प्रतिभागियों को दी गई।
प्रत्येक किसान और महिला समूह सदस्यों के मोबाइल फोन पर ऐप इंस्टॉल कर स्टेप–बाय–स्टेप मार्गदर्शन प्रदान किया गया। वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से ऐप के उपयोग की उपयोगिता समझाई गई। प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान विद्यार्थियों और विषय विशेषज्ञों द्वारा किया गया। साथ ही डिजिटल कृषि के बढ़ते महत्व पर खुलकर चर्चा की गई।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम डॉ. नवनीत राणा, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, कुरूद के मार्गदर्शन में संचालित हुआ।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. भूमिका हत्गिया, कार्यक्रम समन्वयक एवं प्रभारी द्वारा किया गया।वहीं विषय विशेषज्ञ डॉ. युवराज ध्रुव द्वारा निरंतर तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया, जिससे प्रशिक्षण अत्यंत प्रभावी और परिणामदायी रहा।
कार्यक्रम के अंत में किसानों और महिला समूह की सदस्यों ने बताया कि यह प्रशिक्षण अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ। प्रतिभागियों ने कहा कि पहली बार उन्हें कृषि मोबाइल एप्लिकेशनों का इतना सरल, स्पष्ट और व्यवहारिक प्रदर्शन देखने मिला, जिससे अब वे डिजिटल तकनीक का उपयोग कर अपनी कृषि गतिविधियों को और अधिक प्रभावी बना सकेंगे।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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