पहली बार शहर से इतनी पिछड़ी कांग्रेस, क्या होगा मंथन व जिम्मेदारी तय ?
38 वार्डो में 14 हजार से अधिक मतो से पिछड़ी कांग्रेस, गांव की बढ़त ने तय की जीत
धमतरी। विधानसभा चुनाव परिणाम ने धमतरी विधानसभा को मतदाताओं ने कांग्रेस की झोली में डाल दिया लेकिन यदि परिणाम पर गंभीरता से नजर डाला जाये तो स्पष्ट हो रहा है कि शहर में मतदाताओं ने कांग्रेस को सिरे से नकार दिया। 40 वार्डो में सिर्फ दो वार्डो में कांग्रेस को बढ़त मिल पाई वहीं 38 वार्डो में कांग्रेस पिछड़ गई। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस के प्रयासों के बाद भी पिछले बार की तरह ही कांग्रेस शहर के गड्ढे को पाट नहीं पाई उल्टे गड्ढा खाई में तब्दील हो गया। शहर में कांग्रेस लगभग 14 हजार मतों से पिछड़ गई। गांव में मिली बढ़त के चलते कांग्रेस को जीत नसीब हो पाई। परिणाम के पश्चात अब चर्चा हो रही है कि आखिरकार धुंआधार प्रचार प्रसार, सीएम के रोड शो, आकर्षक चुनावी वादो के बाद भी क्यों कांग्रेस शहर में पिछड़ गई। क्या स्थानीय स्तर पर प्रचार-प्रसार तय करने में कोई चूक हुई या फिर शहर मतदाताओं में सरकार के प्रति नाराजगी थी। निगम में भी कांग्रेस सत्ता में है 20 वार्डो में कांग्रेस पार्षद है। इन अधिकांश वार्डो में भी कांग्रेस पिछड़ी। संभावत: पहली बार विधानसभा चुनाव शहर में इतनी बढ़ी संख्या में पिछड़ी ऐसे में अब मंथन की आवश्यकता है कि आखिर क्यों शहरी मतदाता क्यों कांग्रेस से दूर हो रही है इसके पश्चात लोक सभा चुनाव होगा लोक सभा चुनाव में भी धमतरी क्षेत्र में कांग्रेस पिछड़ती रही है। ऐसे में आगामी चुनाव को लेकर मंथन कर जिम्मेदारी तय करनी होगी।
भाजपा को शहर में आपार समर्थन, विकास के लिए रहना होगा प्रयासरत
हर बार की तरह इस बार भी भाजपा ने शहर में लीड ली। इस बार लीड बढ़कर 14 हजार तक पहुंच गई। हालांकि चुनाव नहीं जीत पाये लेकिन शहरवासियों का आपार समर्थन पार्टी को मिला। चूंकि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने वाले और धमतरी विधानसभा में कांग्रेस के विधायक निर्वाचित हुए है ऐसे में भाजपाई प्रदेश सरकार के साथ धमतरी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। इसके लिए उन्हें निरंतर प्रयासरत रहना होगा।