किसानों ने लिया 264 करोड़ का कर्ज, 85 करोड़ की हुई वसूली
1 लाख 24 हजार से अधिक किसान है जिले में पंजीबद्ध, लगभग 45 हजार किसानों बेचा धान
64 हजार किसानों ने शासन से लिया है कर्ज, चुकाना होगा स्वयं को
धमतरी। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्र में एक बार फिर किसानों के कर्ज माफी का ऐलान किया गया था। लेकिन भाजपा के घोषणा पत्र में ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था बाउजूद इसके प्रदेश में भाजपा को 90 में से 54 सीटों पर जीत मिली है। अब इसके बाद सवाल उठाया जा रहा है कि कांग्रेस की तरह भाजपा सरकार द्वारा किसानों की कर्ज माफी की जायेगी? लेकिन इसकी उम्मीद कम ही है क्योंकि कर्ज माफी के स्थान पर भाजपा द्वारा पिछला बकाया दो साल का बोनस देने का वादा किया गया है। इसलिए कर्ज माफी और बकाया बोनस का भुगतान दोनो एक साथ संभव नहीं है। ऐसे में स्पष्ट है कि किसानों को फसल लेने शासन से लिया गया कर्ज स्वयं ही चुकाना होगा।
मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 1 लाख 24 हजार 406 किसानों ने समर्थन मूल्य पर शासन को अपनी उपज बेचने पंजीयन कराया है। अब तक लगभग 45 हजार किसानों ने अपना उपज बेचा है। जबकि लगभग 80 हजार किसान अभी भी धान बेचने के लिए शेष है। बता दे कि जिले में लगभग 64 हजार किसानों ने कुल 264 करोड़ का कर्ज उठाया है। जिनमें से अब तक लगभग 85 करोड़ कर्ज की रिकवरी की जा चुकी है। शेष 179 करोड़ की वसूली बाकी है जैसे जैसे किसान शासन को अपना धान बेचते जायेंगे कर्ज की राशि कटकर शेष राशि उनके खाते में जमा हो जायेगी। चुनाव के पहले कई किसानों को कर्ज माफी की आस भी इसलिए धान बेचने में देरी कर रहे थे। लेकिन परिणाम आते ही किसानों में स्थिति स्पष्ट होने लगी है। कर्जमाफी का लाभ भले ही किसानों को इस बार न मिले लेकिन इसके बदले भाजपा शासनकाल के दौरान पूर्व में किये गये वादे के अनुसार बकाया दो साल का बोनस दिया जायेगा। बता दे कि रमन सरकार के सत्र 2016-17 में 80 हजार 238 किसानों ने 37 लाख 37 हजार 303 क्विंटल धान बेचा था। वहीं सत्र 2017-18 में 80 हजार 989 किसानों ने 34 लाख 93 हजार 611 क्विंटल धान बेचा था। इस तरह 2 साल में कुल 72 लाख 40 हजार 914 क्विंटल धान खरीदी की गई इसकी बोनस राशि 300 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से देने का वादा किया गया था। इसकी कुल राशि 217 करोड़ होती है। इस प्रकार सभी किसानों को बोनस का लाभ मिल पायेगा।