जिले में सालों से जमे है कई अधिकारी नई सरकार में हो रही तबादले की चर्चा
कांग्रेस शासनकाल भर भाजपा लगाती रही है अधिकारियों के बेलगाम होने के आरोप, अब खत्म होगी अफसर शाही?
आंख मूंदकर गैर कानूनी कार्यो को मौन सहमति सालों से दे रहे है कई अधिकारी इनकी कार्यप्रणाली से सरकार की होती है छवि खराब
धमतरी। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो चुका है। अब भाजपा की नई सरकार में विष्णदेव साय नए मुख्यमंत्री है। नई सरकार आने के बाद कई बदलाव नजर आ रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अपने स्तर पर सुधार का प्रयास भी किया जा रहा है। लेकिन कुछ ऐसे भी अधिकारी है जो सरकार किसी की भी हो अपनी मनमर्जी की ही करते रहे है। ऐसे ही कुछ अधिकारी धमतरी जिले में भी विभिन्न विभागो में है जो सालों से एक ही स्थान पर जमे है कुछ तो ऐसे भी है जो कि तबादला पश्चात पुन: धमतरी पहुंच जाते है। अब यह तो समझने का विषय है कि आखिर इन अधिकारियों को धमतरी से इतना मोह क्यो है? बता दे कि पूर्व में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान भाजपा द्वारा पूरे 5 साल अधिकारियों पर बेलगाम होने प्रदेश में अफसरशाही हावी होने और अधिकारियों द्वारा जनता का काम नहीं करने के आरोप लगाती रही है। और अपनी सरकार आने पर सुशासन स्थापित करने के दावें करती रही। अब सरकार भाजपा की है क्या अब अधिकारियों के कार्यप्रणाली में सुधार लाने ट्रांसफर का डंडा चलाया जायेगा। राज्य स्तर के अधिकारियों का तबादला तो होगा लेकिन जिले के भीतर के अधिकारियों का तबादला आवश्यक हो गया है। खैर अभी मंत्रालयों का बंटवारा नहीं हुआ है चूंकि विभागीय तबादले और निर्णयो में विभागीय मंत्री की सबसे ज्यादा चलती है। इसलिए विभागो का बंटवारा और मंत्री मंडल के पूर्ण विस्तार का इंतजार करना पड़ेगा। अब यह तो वक्त ही बतायेगा कि क्या भाजपा राज में अफसरशाही पर अंकुश लग पायेगा या नहीं?
धमतरी जिले में कुछ अधिकारी अपने कर्तव्यों का बेहतर निर्वहन कर रहे है वहीं कुछ अधिकारी सिर्फ अपनी जेबे भरने का काम करते है। कुछ विभाग ऐसे है जहां पैसो के लेनदेन का सिस्टम सालों से बना हुआ है और उसी आधार पर आंख मूंदकर गैर कानूनी कार्यो की अनदेखी करने का हिस्सा मिलता है। कई बार समाचार पत्रो खबरों में इनकी कार्यप्रणाली की सच्चाई दिखाकर सवाल भी उठाये जाते है बाउजूद इन पर कार्रवाई नहीं होती। अधिकारियों की मनमानी से सरकार की छवि जनता में खराब होता है। जिसका खामियाजा चुनाव में उठाना पड़ता है। जल्द ही 2024 में लोकसभा चुनाव होने है। इसलिए भाजपा सरकार को बेहतर प्रदर्शन हेतु अधिकारियों पर लगाम लगाने कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है। विशेषकर उन अधिकारियों की जिनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठते रहे है। और जिनकों जिले में जमे सालों हो गये है।