विकास में आई तेजी लेकिन रफ्तार नहीं पकड़ सका धमतरी जिला
साल 2023 में जिले में कई हुए महत्वपूर्ण घटनाक्रम साल 2024 में सत्ता परिवर्तन का रहेगा असर
प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण धमतरी जिले में है विकास की अपार संभावनायें
कई मांगे आज तक नहीं हो पाई पूरी कई समस्या दशकों से निराकरण के आभाव में हो गई है जटिल
धमतरी। धमतरी जिला विकास में पिछड़ा हुआ माना जाता है। जिले में विकास की आापर संभावनायें है। लेकिन विकास का पहिया काफी धीमा घूमता रहा है। साल 2023 में विकास में कुछ हद तक तेजी आई लेकिन अभी भी विकास की गति रफ्तार नहीं पकड़ पाई है।
साल 2023 में धमतरी जिले में कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए जिनसे आम जनता प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से प्रभावित हुई। कई ऐसे मौके भी आये जब विकास की सौगात मिली और कई बार विकास की उम्मीदों पर पानी भी फिरा। अब साल 2024 में लोग विकास व बेहतरी की उम्मीद ज्यादा कर रहे है।
मिली बायपास की सौगात
सालों से शहरवासी बायपास मार्ग की मांग कर रहे थे। ताकि शहर के भीतर भारी वाहनों का दबाव कम हो, दुर्घटनायें घटे और लोगो को राहत मिले. साल 2023 में यह सौगात शहरवासियों को मिली। इससे कुछ हद तक यातायात के दबाव की समस्या कम हुई। यह लोगों के लिए विकास की बड़ी सौगात रही।
सत्ता व जनप्रतिनिधि बदले, मांगे है वही
साल 2023 में विस चुनाव हुए जिससे प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया। जिले के तीन विस सीटों में दो पर कांग्रेस और एक पर भाजपा काबिज हुई। धमतरी से रंजना साहू को ओंकार साहू ने हराकर विधायक निर्वाचित हुए। सिहावा में लक्ष्मी ध्रुव का टिकट कटा, श्रवण मरकाम को हराकर दूसरी बार अंबिका मरकाम विधायक चुनी गई। वहीं कुरुद विस में अजय चन्द्राकर ने इतिहास रचा। उन्होने तारिणी चन्द्राकर को हराकर जीत की हैट्रिक लगाई और पांचवी बार विधायक निर्वाचित हुए। सत्ता और जनप्रतिनिधि तो बदल गई लेकिन समस्या व मांगे वही पुरानी है।
बढ़ी स्वास्थ्य सुविधायें
जिले में इस साल स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हुआ। जिला अस्पताल में सिटी स्कैन व सोनोग्राफी की सुविधा शुरु हुई जिससे मरीजों को काफी लाभ हुआ। कई जटिल आपरेशन सरकारी अस्पताल में हुए। शहर स्लम स्वास्थ्य योजना से गली मोहल्लों तक मेडिकल टीम पहुंची।
उच्च शिक्षा में नहीं हुआ विकास
जिले में उच्च शिक्षा के नाम पर कोई भी विकास साल 2023 में नहीं हुआ। सालो से रुद्री पॉलीटेक्निक कॉलेज को इंजीनियरिंग कॉलेज में अपग्रेड करने की मांग हो रही है जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की मांग को स्वीकृति नहीं मिल पाई है। कोई नया व्यवसायिक पाठ्यक्रम भी शुरु नहीं हो पाया। इसलिए आज भी जिले के होनहार छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता है।
अवैध खनन परिवहन व अतिक्रमण
2023 में साल भर जिले में अवैध खनन परिवहन की चर्चा रही है। रेत मुरुम, आदि के अवैध खनन परिवहन व जिम्मेदार अधिकारियों पर संरक्षण के आरोप लगा। इसी प्रकार शहर सहित आसपास के क्षेत्रो में अवैध प्लाटिंग व अतिक्रमण की शिकायते मिली। कुछ मामलो में कार्रवाई भी हुई।
रुके हुए पीएम आवास व बोनस की मिली सौगात
विष्णुदेव साय सरकार द्वारा शपथ ग्रहण के पश्चात ही घोषणाओं को पूरा करने जोर दिया जा रहा है। प्रदेश भर के 18 लाख पीएम आवास को स्वीकृति दी गई। इससे जिले के 3000 से अधिक पेडिंग आवास कार्य को गति मिलेगी। किसानों को बकाया दो साल का बोनस मिला। जिससे उनके चेहरे पर मुस्कान आई।
गंगरेल में पर्यटन गुलजार, अन्य पर्यटन क्षेत्रो को विकसित करने की आवश्यकता
गंगरेल बांध में साल भर पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है। यह प्रदेश भर में ख्याति प्राप्त कर चुका है। इसी प्रकार जिले के अन्य पर्यटन स्थलों को विकसित करने की जरुरत है। जिले में सोंढुर, दुधावा, माड्मसिल्ली, नरहरा, जैसे प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर स्थल है। यहां सुविधायें बढ़ाने से पर्यटन का विस्तार होगा।
ब्राडगेज के निर्माण में आई गति
साल 2023 में ब्राडगेज निर्माण कार्य में गति आई लेकिन कब्जाधारियों द्वारा पहले व्यवस्थापन की मांग की जिससे थोड़ी रफ्तार थमी लेकिन कार्य अनवरत जारी है। उम्मीद है कि जल्द ही जिले वासियों के बड़ी रेल लाईन का सपना अब साकार होगा।
निगम में नहीं पाया बजट प्रस्तुत, लगते रहे भ्रष्टाचार के आरोप
साल 2023 निगम के सत्ताधारियों के लिए कुछ ज्यादा बेहतर नहीं रहा। बजट बैठक में चार कांग्रेसी पार्षदों की अनुपस्थिति से बजट फेल होने के डर से बजट ही प्रस्तुत नहीं किया गया और बाद में सीधे शासन को भेज कर बजट स्वीकृत कराया गया। इसी प्रकार निगम में विपक्षी भाजपा द्वारा कई मामलो में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हाल ही में कचरा कांड पर जांच हेतु पीएमओ से कलेक्टर को निर्देश प्राप्त हुआ है।
बदहाल ड्रेनेज सिस्टम का और बिगड़ा हाल
कई दशकों से ड्रेनेज सिस्टम की बदहाली से शहर के कई हिस्से हल्की बारिश में भी जलमग्न हो रहे है। हर बार इस समस्या के निराकरण की बात कहीं जाती है। लेकिन आज तक जलभराव की समस्या से राहत नहीं मिल पाई है। उल्टे समस्या और बढ़ती जा रही है।
नशेडिय़ों और चाकुबाजो से बिगड़ा माहौल
इस साल शहर सहित जिले का माहौल काफी खराब हुआ विशेषकर नशाखोरो और चाकुबाजो के हौसले बुलंदी पर रहे। वे खुलेआम मामूली बातों पर चाकुबाजी करने से बाज नहीं आये। पहले शहर में शराब और गांजा बिक्री होती थी और नशे के सौदागर बढ़ते जा रहे है। नशीली गोलियों और हिरोईन जैसे नशा की बिक्री होने लगी है जो कि चिंतनीय है।
इन मांगे और समस्याओं का नहीं हो पाया निराकरण
:- गोकुलनगर के लिए सोरम से पशुपालकों को बसाने हेतु टेंडर जारी किया गया लेकिन डेयरी संचालकों ने रुचि नहीं दिखाई।
:- धूल व प्रदूषण से साल भर जनता परेशान रही।
:- ट्रामा सेंटर की मांग पूरी नहीं हो पाई।
:- स्वच्छता व्यवस्था पर भी साल भर सवाल उठते रहे।
:- खेल एकेडमी और इग्लिंश कॉलेज की मांग फाईलों तक ही सीमित रही।
:- जिले में राईस मिल के अतिरिक्त कोई अन्य उद्योग आज तक स्थापित नहीं हो पाया।
:- रोजगार के अवसर बढ़ाने प्रयास नहीं हुए।
:- आगामी लोकसभा चुनाव में इस बार धमतरी जिले से प्रत्याशी बनाने की मांग हो रही है।
:- विधायक अजय चन्द्राकर को मंत्री नही बनाने से जनता में थोड़ी मायूसी रही।
:- धमतरी में फिर इतिहास दोहराया प्रदेश में जिसकी सरकार बनी उसके विपक्षी पार्टी का विधायक निर्वाचित हुआ।
:- कई विभागों में शिक्षकों, कर्मचारियों के रिक्त पदो से व्यवस्था प्रभावित होती रही।
:- निगम में अविश्वास प्रस्ताव लाकर महापौर सभापति की कुर्सी गिराने की चर्चा लेकिन अब भाजपाई खामोश है।
:- सत्ता जाते ही कांग्रेस नेताओं जिन्हें निगम मंडलो में जगह देकर उपकृत किया गया था उनसे पद क्षीण लिया गया।