धान खरीदी अंतिम दौर में अब तक पकड़ में नहीं आया बाहरी धान
समर्थन मूल्य पर केन्द्रो में खप रहा उड़ीसा का धान पुलिस-प्रशासन के प्रयासों के बाद भी जब्त नहीं हो पाया धान
धमतरी । प्रदेश सहित धमतरी जिले में 1 नवम्बर 2023 से शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। यहां सिर्फ प्रदेश के किसान अपनी उपज को केन्द्रो में बेच सकते है लेकिन कुछ केन्द्रो में बाहरी धान को भी खपाया जाता है। जिसे रोकने पुलिस व प्रशासन प्रयास कर रही है। लेकिन अब तक उन्हें सफलता नहीं मिल पाई है। बता दे कि जिले में 74 सोसायटियों के 100 केन्द्रो में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी अनवरत जारी है। नियमानुसार पंजीकृत किसान ही समर्थन मूल्य पर धान बेच सकते है जिले में इस बार लगभग 1 लाख 24 हजार 9 सौ किसानों ने धान बेचने पंजीयन कराया है। ज्ञात हो कि पहले प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदा जा रहा था। जिसे बढ़ाकर अब 21 क्विंटल प्रति एकड़ किया गया है। साथ ही धान का समर्थन मूल्य अब प्रति क्विंटल 3100 रुपये प्रदान किया जायेगा। छत्तीसगढ़ में जो दाम धान का सरकार देती है। उसकी तुलना में उड़ीसा राज्य में धान की कीमत काफी कम होती है। चूंकि उड़ीसा धमतरी जिले से लगा हुआ है ऐसे में यहां धान खपाना थोड़ा आसान हो जाता है। जो किसान पंजीकृत है और अपने दर्ज रकबे के अनुसार धान नहीं बेच पाते उन्हें कुछ किसानों द्वारा बाहर के धान को अपने नाम से केन्द्रो में बेच देते है। इससे किसानों को कमीशन मिलता है। और धान मालिक को पर्याप्त दाम भी मिल जाता है। 31 जनवरी धान खरीदी की अंतिम तिथि बताई गई है। ऐसे में खरीदी अब अंतिम दौर में है और अब तक पुलिस या प्रशासन द्वारा अवैध धान खपाने का एक भी मामला उजागर नहीं कर पाई है। जबकि सूत्रों की माने तो कुछ रास्तों से धान जिले में लाया जा रहा है।
सौदा पत्रक के माध्यम से भी खपता है धान
प्रदेश की मंडियों में कंही का भी धान बिक्री की बंदिशे नहीं है। ऐसे में उड़ीसा के किसान यहां की मंडियों में धान बेचने के नाम पर सौंदा पत्रक कटवाते है। सौदा पत्रक देख कर धान को जिले में आने से नहीं रोका जाता। इसके बाद सौंदा पत्रक के अनुसार सम्पूर्ण धान को बेचा नहीं जाता और कुछ मात्रा में धान को स्थानीय पंजीकृत किसानों के माध्यम से सोसायाटियों में खपाया जाता है।