माघ पूर्णिमा पर रूद्री, कर्णेश्वर, कुलेश्वर, कोदोरास, डोंगापथरा, लोमश ऋषि आश्रम मगरलोड में लगा मेला
मेले में उमड़ी भारी भीड़, पूजा-अर्चना करने लगी भक्तों की कतार
धमतरी । माघ पूर्णिमा के शुभ अवसर जिले के विभिन्न स्थानों के साथ ही रूद्री स्थित रूद्रेश्वर धाम में मेला लगा। मेले में शामिल होने हजारों लोग रूद्रेश्वर घाट पहुंचे। मेले में शामिल होने शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के लोग बड़ी संख्या में पहुंचे। आज सुबह से मेला स्थल पर लोगों की भीड़ एकत्रित होने लगी। लोग रूद्रेश्वर मंदिर स्थित भगवान रूद्रेश्वर की पूजा अर्चना कर पुण्य लाभ लिया। उल्लेखनीय है कि रुद्रेश्वर मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। पौराणिक मान्यता के अनुसार वनगमन के समय में भगवान श्रीराम व सीता माता व लक्ष्मण जी रुद्रेश्वर मंदिर पहुंचे। उस दौर में घनघोर जंगल हुआ करता था। उन्होने रुद्रेश्वर महादेव की पूजा की थी आज भी भगवान राम के चरणपादुका के निशान मौजूद है। रुद्री के अतिरिक्त माघ पूर्णिमा पर मगरलोड के लोमश ऋषि आश्रम, देवपुर के डोगापथरा, भखारा के ग्राम सिलौटी के पास कोदोरास, सिहावा में कर्णेश्वर धाम, मनकेश्वरी देवी मंदिर स्थल, कुलेश्वर धाम में भव्य मेले का आयोजन किया गया। मेले में लाखों श्रद्धालु शामिल हुए। मेले में जिले के साथ अन्य जिलों के लोग शामिल हुए।
श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
माघ पूर्णिमा के अवसर पर डुबकी लगाने का विशेष महत्व है। आज सुबह रूद्रेश्वर घाट के महानदी तट सहित कई स्थानों पर डुबकी लगाने सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। बच्चे, महिलाएं, पुरूष सभी वर्गो में माघ पूर्णिमा में डुबकी लगाने विशेष उत्साह देखा गया। जिला प्रशासन व पुलिस बल पर्याप्त संख्या मेला स्थल पर व्यवस्था बनाने जुटे रहे।
पारंपरिक साधनों से पहुंचे मेला देखने
आधुनिकता के दौर में आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक साधन का उपयोग हो रहा है। आज माघ पूर्णिमा में रूद्री में भव्य मेला का आयोजन हुआ। जिले में कई स्थानों में मेले का आयोजन किया गया जिसमें आज भी कई ग्रामीण क्षेत्रों के लोग पारंपरिक साधन बैल गाड़ी से लोग मेला देखने पहुंचे। बैलगाड़ी से मेला पहुंचने वाले लोगों की माने तो बैलगाड़ी का सफर का मजा कुछ और ही है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
मंदिर व मेला स्थल में हजारों की भीड़ उमड़ी और व्यवस्था बनाने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा व्यापक इंतजाम किये है। मेला स्थल पर विभिन्न थानो के अलावा पुलिस लाईन के बलों को तैनात किया गया है। साथ ही सादे वर्दी में पुलिस के जवान मेला स्थल की निगरानी रखी गई ताकि चैन स्नेचिंग, छेड़छाड़ व कोई अप्रिय घटना को रोका जा सके।