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ओबीसी के संवैधानिक अधिकार खतरे में है- अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू

धमतरी। पिछड़े- अति पिछड़े वर्गों के संवैधानिक अधिकार को खतरे में होना बताते हुए अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ के राष्ट्रीय महासचिव एवं ओबीसी संयोजन समिति छत्तीसगढ़ के संस्थापक अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू ने अपने आवास पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दल गठबंधन बनाकर चाहे कोई भी सियासी चाल चले इस बार नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पिछड़े वर्गों को आबादी के अनुसार 52 प्रतिशत हिस्सेदारी (आरक्षण) देने और जातीय जनगणना करवाने के अपने वादे से मुकर जाने का मुद्दा ही आगामी लोकसभा चुनाव के केंद्र बिंदु में होगा। ओबीसी के लोग ख़ासकर युवक – युवतियां अब अपने संवैधानिक हकों व स्वाभिमान को प्राप्त करने के लिए मरने- मिटने को तैयार हैं। जो ओबीसी विरोधी नीतियों का भंडाफोड़ करने के लिए संघ द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर जारी आजादी की दूसरी लड़ाई के तहत जागरूकता के कार्यक्रम को राजधानी रायपुर से तेज करने जा रहे है। अधिवक्ता साहू जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संघ के सुझावों के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 15(4) व 16(4) में संशोधन कर मंडल आयोग को पूर्णत: लागू करने एवं जातिगत जनगणना करवाने की शीघ्र घोषणा करने की अपील करते हुए कहा कि हमने संघर्षों एवं पत्राचार के माध्यम से निरन्तर अवगत कराया है, कि पिछड़े वर्गों के संवैधानिक अधिकारों को अवैधानिक अड़चने पैदा कर कुचलने का षडयंत्र किया जा रहा है जिसके कारण ही देश के विभिन्न राज्यों में लागू आरक्षण नीति मे असमानता व खामियों को दूर नहीं किया जा सका है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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