Uncategorized

आयुष्मान कार्ड से सिजेरियन डिलीवरी बंद होने से बढ़ी गरीब, मध्यम वर्गीय परिवारों की परेशानी

निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी का आ रहा है 25-50 हजार खर्च

जिला अस्पताल में बढ़ी प्रसुता मरीजों की संख्या, कम पड़ रहे बेड
धमतरी। आयुष्मान कार्ड योजना गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए वरदान माना जाता है। इसके माध्यम से लोगों का नि:शुल्क उपचार निजी अस्पतालों में होता है। लेकिन जब से आयुष्मान कार्ड में सिजेरियन डिलीवरी का पैकेज हटाया गया है तब से गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों की परेशानी काफी बढ़ गई है। ज्ञात हो कि 15 अगस्त 2022 तक आयुष्मान कार्ड से निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी हो रही थी। लेकिन इसके बाद से आयुष्मान कार्ड के पैकेज से सिजेरियन डिलीवरी को हटा दिया गया है। जिससे अब गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों को या तो सरकारी अस्पताल या फिर निजी अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी हजारो फीस चुका कर करवाना पड़ रहा है। इससे जिला शासकीय अस्पताल में प्रसुता मरीजों की संख्या एकाएक बढऩे लगी नतीजा यह हो रहा है कि प्रसुता मरीजों को बेड तक कई बार नहीं मिल पाता है। और उन्हें रिफर कर दिया जाता है। बता दे कि निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी कराने पर 25 से 50 हजार रुपये तक फीस चुकानी पड़ती है। यह फीस हर किसी के लिए सामान्य नहीं होता। ऐसे में लोग हजारो न दे पाने के चलते शासकीय अस्पताल की ओर रुख करते है। लेकिन अब ज्यादातर जिला अस्पताल में बेड फुल ही रहता है। वर्तमान में प्रसुता वार्ड में 30 बेड उपलब्ध है।

आवश्यकता पडऩे पर कुछ बेड की और व्यवस्था की जाती है। इसके बाद भी बेड पूरे नहीं पड़ते और कई बार गरीब मरीजों को बेड न हो पाने के कारण वापस लौटना पड़ता है। ऐसे में उनके समक्ष तत्काल हजारों जुटाने की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। दरअसल नार्मल डिलीवरी पर लगभग 3 दिन और सिजेरियन डिलीवरी पर 5-7 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है। इससे बेड जल्द खाली नहीं हो पाता। जिला अस्पताल में तीन गायनोकोलाजिस्ट विशेषज्ञ डाक्टर है। इसलिए भी मरीजों की संख्या जिला अस्पताल में बढ़ी है। इसलिए या तो आयुष्मान कार्ड में पुन: सिजेरियन डिलीवरी को जोडऩे या फिर जिला अस्पताल में प्रसुता वार्ड में बेड की संख्या बढ़ाने की मांग की जा रही है।
इस परेशानी पर राजनीतिक पार्टियों का न मांग न ही विरोध
आयुष्मान योजना केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जाती है। और उक्त योजना से सिजेरियन डिलीवरी को हटाऐ महीनों बीत गये है जिससे सबसे ज्यादा गरीब व मध्यम वर्गीय के लोगों को परेशानी हो रही है। इस समस्या पर न तो भाजपा और न ही विपक्षी कांग्रेस गंभीर रही है न भाजपा ने पुन: आयुष्मान कार्ड में सिजेरियन डिलीवरी को जोडऩे की मांग की और न ही कांग्रेस ने पैकेज से हटाये जाने का विरोध किया। इसलिए महीनों से जनता की इस परेशानी को नजर अंदाज किया जा रहा है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!