ई-रिक्शा चालकों का न नेत्र न स्वास्थ परीक्षण न पुलिस जांच, सरपट दौड़ रही सड़कों पर
कल अनियंत्रित होकर पलटी एक ई रिक्शा, पूर्व में भी हो चुके है कई हादसे, बिना अनुभव ट्रेनिंग के दौड़ा रहे है ई-रिक्शा
स्कूली बच्चों को लाने ले जाने, बुजुर्गो, महिलाओं की है ई रिक्शा पहली पसंद, सावधानी है जरुरी
धमतरी। पिछले दो सालों में शहर की सड़कों पर ई रिक्शा की संख्या तेजी से बढ़ी है। युवा लकडिय़ां महिलायें बुजुर्ग भी ई रिक्शा दौड़ा रहे है। यह आम जनता के लिए आवागमन की पहली पसंद बनी हुई है। ई-रिक्शा में ईधन की लागत नहीं होने सवारी पर्याप्त मिलने के कारण धीर-धीरे सभी वर्ग के लोगों द्वारा ई रिक्शा चलाना शुरु किया गया है। लेकिन सुविधा में भी सावधानी की आवश्यकता महसूस हो रही है। दो दिन पूर्व एक ई रिक्शा रत्नाबांधा रोड पर अनियंत्रित होकर टै्रक्टर से टकराकर पलट गई। जिससे सवार कुछ लोगों को मामूली चोटे आई। आसपास मौजूद लोगों द्वारा पलटे ई रिक्शा को सीधा किया गया। पूर्व में भी कई ई रिक्शा हादसे का शिकार हो चुके है। ऐसे में आवागमन के दौरान ई-रिक्शा में सावधानी अन्य वाहनों की तरह ही अत्यंत आवश्यक है। बता दे कि ई-रिक्शा चलाने के लिए किसी प्रकार की लायसेंस की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसलिए कोई भी व्यक्ति ई रिक्शा खरीदकर सड़कों पर अगले ही दिन दौड़ाने लग जाते है। इनमें कई युवा व उत्साही भी होते है जो कि कई बार कट मारते हुए अपेक्षाकृत तेज रफ्तार से ई रिक्शा दौड़ाते है। जिससे दुर्घटना की आंशका बनी रहती है। ई रिक्शा शहर के मुख्य मार्गो पर दिन भर दौड़ती है जहां भारी वाहनों का भी आवागमन होता रहता है। ऐसे में सुरक्षा हेतु सावधानी आवश्यक है। कुछ युवतियां व महिलायें भी ई रिक्शा चलाते है जिनके वाहन चलाने में अनुभव की कमी नजर आती है। कुछ बुजुर्ग भी ई रिक्शा चला रहे है। ऐसे में उनके नेत्र व स्वास्थ्य परीक्षण सवारियों की सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक है। लेकिन अब तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बता दे कि कुछ ई रिक्शा चालकों द्वारा छोटे स्कूली बच्चों को लाने ले जाने का काम भी करते है। जबकि स्कूली वाहनों में सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाईन जो कि सुरक्षा उपायों से संबधित है। उसका अनिवार्य रुप से पालन कराना होता है। यह ई रिक्शा में संभव ही नहीं है। स्कूलों द्वारा ई रिक्शा अधिगृहित नहीं किया जाता बल्कि कुछ पालकों द्वारा मिलकर अपने बच्चों को स्कूल से लाने ले जाने ई रिक्शा की व्यवस्था की जाती है।
ई-रिक्शा के लिए भी परमिट, लाईसेंस व फिटनेस हो अनिवार्य – साहिल अहमद
आटो आनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष साहिल अहमद ने चर्चा के दौरान कहा कि जिस प्रकार आटो की फिटनेस परमिट लायसेंस आदि की जांच होती है ई रिक्शा को भी इस दायरे में लाना चाहिए। आटो की तरह भी ई रिक्शा से भी दुर्घटना हो सकती है। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त पुलिस, यातायात व आरटीओ जांच से ई रिक्शा को दूर रखा गया है। चालकों का स्वास्थ्य परीक्षण भी कभी नही होता यह सब सुरक्षा के लिए आवश्यक है।