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छत्तीसगढ़ की परंपरा व दिनचर्या में बोरेबासी का है विशेष महत्व : आनंद पवार

पूर्व प्रदेश सचिव ने बासी खाकर मनाया बोरेबासी पर्व


धमतरी। पिछली कांग्रेस सरकार में छत्तीसगढ़ की परंपरा और त्योहारों को विशेष महत्व दिया गया था, जिसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति और रीति रिवाजों को बड़े स्तर पर प्रोत्साहित और प्रचारित करने का काम किया गया। पिछली सरकार ने 1 मई श्रमिक दिवस को बोर बासी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था और धूमधाम से मनाया था, जिसमें छत्तीसगढ़ में गर्मियों के दिनों में खाया जाने वाला बोरे और बासी के महत्व और इससे मिलने वाले पोषण के बारे में काफी चर्चा हुई। छत्तीसगढ़ कांग्रेस द्वारा शुरू की गई परम्परा को आगे बढ़ाते हुए पूर्व प्रदेश सचिव आनंद पवार ने बोर बासी खाकर 1 मई को बोरेबासी दिवस मनाया। उन्होंने कहा कि बोरेबासी हम छत्तीसगढ़वासियों के लिए एक महत्वपूर्ण आहार है। उन्होंने बताया कि गांव में अपना सुबह का काम करने के बाद दोपहर में जब किसान घर लौटते हंै तो यही उनका मुख्य भोजन होता है। इसके साथ पताल चटनी, छत्तीसगढ़ में पाई जाने वाली भाजियां और अन्य छत्तीसगढ़ी व्यंजन खाएं जाते है। यहां तक दिन भर धूप में खेलकर आने वाले बच्चों को भी माताएं यही खाने को देती है। गर्मी और लू से बचने के लिए भी यह व्यंजन बहुत सहायक है। उन्होंने सभी छत्तीसगढ़वासियों से अपील की है हमारे श्रमिकों के सम्मान में सभी बोरेबासी खाकर इस दिन को मनाएं और अपने छत्तीसगढ़ी होने पर गर्व करें।
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Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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