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हजारों डस्टबीन बांटे फिर भी गीला-सूखा कचरा अलग नहीं कर रहे लोग

घरों-दुकानों में डस्टबीन बांटने के बाद भी खुले में फेंका जा रहा कचरा

निगम के बार-बार अपील के बाद भी स्वच्छता बनाये रखने, कचरे के बेहतर निष्पादन में नहीं मिल रहा शहरवासियों का सहयोग
धमतरी. नगर निगम द्वारा पूर्व में घरो-घर डस्टबीन का वितरण करवा कर गीला सूखा कचरा अलग-अलग करने की अपील की गई थी। इसका कोई असर नहीं हुआ। इसलिए कुछ समय पूर्व निगम के कई वार्डो में फिर से डस्टबीन बंटवाया गया। इस कार्य में कुछ पार्षदों की अधिकांश पार्षद निधि भी लग गई बाउजूद इसके इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। लोग आज भी पुराने ढर्रे पर कचरा रखते है। कई ऐसे भी लोग है जो डस्टबीन मिलने के बाद भी घरो के बाहर कचरा फेंकने से बाज नहीं आ रहे है। कुछ महीने पर्व ही हजारों डस्टबीन का वितरण शहर में किया गया है। हरा और नीला डस्टबीन देकर गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने कहा गया और जब निगम की कचरा कलेक्शन गाड़ी आती है तो अलग-अलग कचरा दे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। लोग जागरुकता का परिचय ही नहीं दे रहे है। इसलिए गीला सूखा कचरा को अलग-अलग निष्पादन करने में दिक्कते आती है। कुछ दुकानदार और घरों के बाहर या नालियों में कचरा डाला जाता है। जिससे नालियां जाम हो जाती है। हाल में चलाये जा रहे सफाई अभियान में नालियों में बड़ी मात्रा में पालीथीन व घरेलू कचरा भी निकल रहा है। ऐसे में लोग स्वयं लापरवाही बरतते है। और नालियां जाम होने, कचरा फैलने या पानी निकासी बेहतर न होने के लिए निगम को दोष देते है।
डस्टबीन में रखे जा रहे आचार, पापड़, आटा


निगम द्वारा वार्डो में बांटे गये डस्टबीन में गीला-सूखा कचरा अलग-अलग रखने के बजाये कई घरो में एक ही डस्टबीन रखकर सभी प्रकार का कचरा एक ही डिब्बे में डाला जा रहा है। जबकि कुछ घरो में तो डस्टबीन का उपयोग ही नहीं हो रहा है। वहां पुरानी बाल्टियां डास्टबीन बनी है। और इस प्रकार जो नये डस्टबीन निगम से मिले है। उसमें लोग आचार, पापड़, आटा, दाल व अन्य खाद्य सामाग्रियां रख रहे है। कुछ घरो में तो डस्टबीन पानी भरने के भी काम आ रहा है।
कचरा कलेक्शन के दौरान नहीं मांगते अलग-अलग कचरा


कचरा कलेक्शन के दौरान सफाई कर्मचारियो द्वारा भी लापरवाही बरती जाती है। घरो घर डस्टबीन होने के बाद भी अलग-अलग गीला सूखा कचरा नहीं मांगा जाता। इसलिए लोग भी इस ओर ध्यान नहीं देते यदि एक साथ कचरे लेने से कुछ दिन सख्ती दिखाते हुए लेना बंद कर दिया जाये तो शायद लोग कचरा अलग-अलग कलेक्ट करने की आदत डाल पायेंगे। इन कचरों के अतिरिक्त इलेक्ट्रानिक कचरा, मेडिकल वेस्ट जैसे दवाई पट्टी, बच्चों के डायपर आदि भी एक ही डिब्बे में रहता है। जिसका निष्पादन भी मुश्किल होता है।
जुर्माने की रकम इतनी कम की कार्रवाई का नहीं पड़ रहा असर
नगर निगम द्वारा आयुक्त, उपायुक्त के निर्देश पर बकायादा गंदगी फैलाने वालों पर जांच कार्रवाई हेतु एक टीम गठित की गई है। टीम अब तक कई बार शहर निरीक्षण पर निकल चुकी है। इस दौरान हर बार गंदगी और लापरवाही मिली है। और जिम्मेदार लोगों पर जुर्माने की कार्रवाई की गई है। लेकिन जुर्माने की राशि इतनी कम है कि कार्रवाई का कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। अब तक अधिकतम 5 सौ और ज्यादातर लगभग 100, 200 रुपये ही जुर्माना वसूला जा रहा है। इतने कम जुर्माने से लोगों पर कार्रवाई, नियमों के पालन का दबाव पड़े ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है।

” पूर्व में गीला-सूखा कचरा अलग रखने वार्डो में डस्टबीन बांटा गया है। बाउजूद इसके लोग पूरी तरह सहयोग नहीं कर रहे है। कचरा फैलाने वालो पर जुर्माने की कार्रवाई हेतु टीम गठित की गई है। एक बार जुर्माने के बाद दूसरी बार जुर्माने की राशि ज्यादा वसूली जाएगी। शहरवासियों से अपील है कि डस्टबीन में गीला-सूखा कचरा अलग-अलग रखें। ÓÓ
पीसी सार्वा
उपायुक्त नगर निगम धमतरी

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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