एलम मामले में झूठा श्रेय लेने की कोशिश कर रहे नेता प्रतिपक्ष-कांग्रेसी पार्षद
कहा सत्तापक्ष को बदनाम करने की हो रही साजिश
धमतरी। नगर निगम के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में एलम सफ्लाई के मामले को लेकर कांग्रेसी पार्षदों ने नेता प्रतिपक्ष पर झूठा श्रेय लेने की राजनीति करने और सत्तापक्ष को बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। जल विभाग अध्यक्ष अवैश हाशमी ने बताया कि शहरवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए निगम पूरी गम्भीरता दिखा रहा है। प्लांट में फिल्टर पानी की जांच करने केमिस्ट उपलब्ध है, रोजाना जांच के बाद पानी गुणवत्ता में मानदंडों में खरा उतरने पर ही सफ्लाई किया जाता है। वहीं एलम, बिल्चिंग पाउडर या अन्य कोई सामग्री क्रय करने पर पहले उसकी जांच की जाती है, रिपोर्ट ओके आने पर ही उपयोग किया जाता है। पिछले दिनों ठेकेदार द्वारा जो एलम सफ्लाई किया गया था वह गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाए जाने पर अधिकारी ने ठेकेदार को निर्देशित किया कि एलम को वापस ले जाकर मापदंडों के अनुरूप ही एलम सफ्लाई करे। अधिकारी के निर्देश पर ठेकेदार ने एलम वापस उठाया है, इसकी खबर लगते ही नेता प्रतिपक्ष अपनी राजनीति चमकाने प्लांट में पहुंच गये, उनके द्वारा बेबुनियाद आरोप लगाया कि निगम लोगो को गंदा पानी पिलाने वाला था, जबकि एलम की जांच से लेकर वापसी में नेता प्रतिपक्ष का कोई रोल नहीं है। महापौर विजय देवांगन के नेतृत्व में निगम ने व्यवस्था ही ऐसी बनाई है कि एलम समेत प्लांट में उपयोग होने वाली सभी सामग्रियों की जांच के बाद ही उपयोग में लिया जाता है। बेवजह की श्रेय लेने की राजनीति करने के बजाए नेता प्रतिपक्ष को जनहित में अच्छे कामों में अपना ध्यान देना चाहिए तब जनता के बीच उनकी अच्छी छवि बनेगी, अभी तो लोग उन्हें सिर्फ निगम का दुष्प्रचार करने वाले नेता के रूप में जान रहे है। कांग्रेसी पार्षद दीपक सोनकर, सोमेश मेश्राम, ममता शर्मा ने कहा कि जनहित के कार्यो में नेता प्रतिपक्ष बाधा बन गए है। उनका मकसद सिर्फ अपना निजी स्वार्थ साधना नजर आता है। पूर्व में कचरे वाला मामला उन्होंने जोर शोर से उठाया था, अब उनकी चुप्पी निजी स्वार्थ सिद्धि के कई संदेहों को जन्म देती है। एलम मामले में भी जिस तरह का बेबुनियाद आरोप लगा रहे उससे यही लगता है कि अधिकारियों पर दबाव बनाकर उनकी कोशिश अपना कोई निजी स्वार्थ साधने की है। प्रदेश में भाजपा की सरकार है, अगर वाकई नेता प्रतिपक्ष को एलम मामले में गड़बड़ी नजर आती है तो जांच करवा लें, अन्यथा झूठा आरोप लगाना सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर आम जनता से उन्हें दिग्भ्रमित करने के कुत्सित प्रयास के लिए माफी मांगे।