द लिल लोकल एक्जीबिशन में छाए रहे धमतरी के स्टाल
लोगों को लुभाई पारंपरिक हस्त, शिल्प कला एवं ग्रामीण संस्कृति पर आधारित प्रदर्शनी
बेल मेटल, बांस आर्ट, माटीकला उत्पाद और पेंट आर्ट को देखने उमड़ती रही भीड़
रायपुर/ राजधानी रायपुर के लभांडी स्थित रिबाउंस में दो दिवसीय द लिल लोकल एक्जीबिशन का आयोजन किया गया| इस एक्जीबिशन में स्व-सहायता समूहों, स्थानीय शिल्प कलाकारों एवं उत्पादकों ने स्टाल लगाए, धमतरी जिले के शिल्पकार एवं कलाकार समूहों ने भी एक्जीबिशन में हिस्सा लिया| उन्होंने यहां पारंपरिक हस्तकला, शिल्प कला एवं ग्रामीण संस्कृति पर आधारित प्रदर्शनी लगाई|
द लिल लोकल में धमतरी जिले के 6 प्रतिभागियों ने भाग लिया| जिसमें कुरूद विकासखंड के ग्राम कुरूद से श्री टेकराम साहू ने बेल मेटल और पेंट आर्ट, ग्राम नारी से श्री पुरुषोत्तम साहू एवं श्रीमती द्रौपदी साहू ने हैण्डलूम फेबरिक, श्री युगल किशोर कुम्भकार ने इलेक्ट्रानिक चाक मोल्ड, माटीकला उत्पाद और ग्राम भैसामुड़ा से श्रीमती धनमत बाई मरकाम एवं सुखन ठाकुर ने पत्तियों से निर्मित बैग का विक्रय सह प्रदर्शनी में भाग लिया|
एक्जीबिशन में धमतरी के स्टाल पर लोगों की विशेष रुचि दिखी, लोगों ने बेल मेटल, बांस आर्ट, इलेक्ट्रानिक चाक मोल्ड, माटीकला उत्पाद और पेंट आर्ट को देखा और उसके बारे में स्टाल में जानकारी ली| धमतरी जिले के स्टाल्स में लगाए गए तरह-तरह के आर्ट एवं पारंपरिक सजावटी कलाकृतियों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया|
उल्लेखनीय है धमतरी कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी जिले के कलाकारों, शिल्पकारों को बढ़ावा देने के लिए लगातार उन्हें प्रोत्साहित कर रहीं हैं, विशेषकर जनजातीय समूहों को मंच दिलाने एवं उनकी कला को मुख्यधारा में पहचान दिलाने के लिए जिला प्रशासन इस तरह के मंचों तक उन्हें पहुंचा रहा है|
बता दें कि बच्चों में रचनात्मकता और सिखने की ललक को बढ़ावा देने के लिए द लिल लोकल एक्जीबिशन का आयोजन किया गया था| यहां एक ही बैनर के नीचे बच्चे अपने अभिभावकों के साथ एक स्वस्थ माहौल में पारंपरिक कला के अलग-अलग प्रकारों को समझ पा रहे हैं|