कलारतराई में आयोजित की गई यातायात पाठशाला
स्कूली बच्चों के सुरक्षा के दृष्टिगत जिला के प्रधान पाठक,प्राचार्यों की ली गई बैठक
ट्रैफिक डीएसपी मणिशंकर चन्द्रा एवं यातायात स्टॉफ द्वारा स्कूल छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से शा०उच्च० माध्य० विद्या०कलारतराई में यातायात पाठशाला का आयोजन किया गया,जिसमें उपस्थित 60 छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों के संबंध में जानकारी देते हुए सड़क के प्रयोग के दौरान क्या करें क्या के बारे में बताया गया। छात्रों को बताया गया कि हमेशा जेब्रा कासिंग या ट्रैफिक सिग्नल जैसे चिन्हित पैदल यात्री कासिंग का प्रयोग करें। आंखों से संपर्क करें सड़क पार करने से पहले चालक से आंख से संपर्क करें, ताकि वे आपको देख सके। चालक को दिखाई देने के लिए चमकीले या परावर्तक कपड़े पहने। ध्यान भटकाने वाले चीजों से बचे. चलते समय या सड़क पार करते समय अपना फोन और अन्य ध्यान भटकाने वाले जीचे दूर रखें।किसी बडे व्यक्ति के साथ चले यदि संभव हो तो किसी बडे व्यक्ति के साथ चले खास कर आप छोटे हो तो.ट्रैफिक सिग्नलों और चिल्हो का पालन करे, ठीक वैसे ही जैसे वाहन करते है।
अपने आसपास के बारे में जागरूक रहें खड़ी वाहनों, सायकलों और अन्य खतरनाक चीजों से सावधान रहें। जब भी संभव हो फुटपाथ पर चलें।हमेशा आसपास के वातावरण और संभावित खतरों के प्रति सचेत रहे, याद रखे सुरक्षा सबसे पहले है बताकर सायकल से स्कूल आने के दौरान झुंड में नही चलाने, साथियों के साथ रेस की प्रतियोगिता नही करने बताया गया।दोपहिया, चारपहिया वाहन में सफर के दौरान हेलमेट, सीटबेल्ट का अनिवार्य रूप से उपयोग करने आदि के बारे में बताते हुए अनुशासन में रहते हुए 6-8 घंटा पढ़ाई करने, पढ़ाई के लिए टाईम टेवल बना कर टाईम टेबल के अनुसार पढ़ाई करने, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पसंदीदा खेल खेलने के साथ ही लक्ष्य निर्धारण कर लक्ष्य प्राप्ति करने हेतु अभिप्रेरित किया गया। स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर एवं यातायात नियमों के प्रति बच्चों एवं शिक्षकों को जागरूक करने के लिए जिला शिक्षाधिकारी टी.आर. गंगेले के सहयोग से धमतरी अनुविभाग के प्रधानपाठक, प्राचार्यों का बैठक आयोजित किया गया बैठक में उप पुलिस अधीक्षक यातायात मणीशंकर चन्द्रा के द्वारा प्रधानपाठक,प्राचार्यों को सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए निम्न सुझाव दियेः- यातायात शिक्षा हेतु स्कूलों में समय आरक्षित रखने यातायात पुलिस के द्वारा स्कूल में यातायात पाठशाला आयोजन हेतु स्कूल पहुंचने पर समुचित व्यवस्था कर अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को उपस्थित कराने, वाहन लेकर स्कूल में आने वाले नाबालिग छात्र-छात्राओं को पूर्ण प्रतिबंधित कराने इस संबंध में शाला प्रबंधन की संपूर्ण जवाबदेही तय करने, यातायात पुलिस के द्वारा प्रत्येक स्कूल में एक शिक्षक को यातायात नियमों से प्रशिक्षित किया जावेगा, जिनके द्वारा प्रतिदिन छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों की जानकारी दी जावेगी, इसके लिए एक शिक्षक चयनित करने, छात्र-छात्राओं को यातायात के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से समय-समय पर यातायात संबंधी चित्रकला, स्लोगन, निबंध आदि प्रतियोगिता का आयोजन करने, शाला स्तर में होने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम यथा स्वंतत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, शाला वार्षिकोत्सव के दौरान पृथक से यातायात जागरूकता संबंधित भाषण, नाटक, प्रहसन आदि का आयोजन करने,यातायात के संबंध में छात्र-छात्राओं को अधिक से अधिक जागरूक करने हेतु यातायात शाखा एवं चौक चौराहों का शैक्षणिक भ्रमण कराने, अधिकांश स्कूल मुख्य मार्ग के किनारे संचालित है, स्कूल लगने एवं छूटने के समय छात्र-छात्राएँ समूह में स्कूल गेट के सामने रूकते है. एक दूसरे का इंतजार करते है, जिससे मार्ग बाधित होती है, एवं दुर्घटना की स्थिति बनी रहती है, ऐसी स्थिति से निपटने हेतु एक जिम्मेदार व्यक्ति की नियुक्ति करें, जिनके द्वारा बच्चों को मार्ग से हटाकर सुरक्षित स्कूल व घर के लिए प्रस्थान करा सकें, स्कूलों में व्यवस्थित पार्किंग हेतु स्थान चिन्हाकिंत कर स्कूली बच्चों के सायकलों को व्यवस्थित पार्किंग कराने का अभ्यास कराने, वाहन जैसे बस, आटो. जीप से आने वाले छात्र-छात्राओं को सुरक्षित ड्रॉप-अप एवं पिक-अप के लिए क्षेत्र निर्धारित करने, छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षक आदर्श व्यक्ति होते है, उन्हे भी वाहन से स्कूल आने-जाने के दौरान यातायात नियमों का पालन करते हुए हेलमेट, सीटबेल्ट का प्रयोग करना चाहिए, ताकि छात्र-छात्राएँ भी देखकर अनुशरण कर सकें। कभी भी तीन सवारी, तेजगति, मोबाईल फोन का प्रयोग करते वाहन न चलावें, ताकि छात्र-छात्राओं पर गलत प्रभाव न पड़ें आदि सुझाव दिये गये।उक्त यातायात पाठशाला में 60 स्कूली छात्र-छात्राएँ, प्राचार्य एवं शिक्षकगण तथा यातायात शाखा से सउनि बोधन ध्रुव, प्र.आर. जितेन्द्र कृदत्त, संतोष ठाकुर तथा बैठक में 70 प्रधान पाठक एवं प्राचार्य सम्मिलित रहें।