धमतरी/ चालू सीजन में फसल बोने के पूर्व बीजोपचार करने लेने की सलाह किसानों को उप संचालक कृषि ने दी है। उन्होंने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है, यहां के 75 प्रतिशत आबादी कृषि एवं कृषि व्यवसाय से प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ें हुये है। जिले में कुल एक लाख 58 हजार 180 किसान हैं, जिनका आजीविका का साधन मूलतः कृषि है। इसमें से सीमांत कृषक 9 हजार 967, लघु कृषक 40 हजार 301 एवं दीर्घ कृषक एक लाख 7 हजार 912 है। जिले में 165.282 हजार हे. क्षेत्र में फसल उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें 141.455 हजार हे. में अनाज फसल का उत्पादन होता है। जिसमें धान फसल प्रमुख रूप से उगाई जाती है। यही वजह है कि धमतरी जिले को धनहा धमतरी कहा जाता है।
उन्होंने बताया कि जिले के नगरी तहसील में सर्वाधिक (374.5 मि.मी.) वर्षा हुई है एवं सबसे कम मगरलोड तहसील (125 मि.मी.) में हुई है। जिले में औसत वर्षा 184.7 मि.मि. हुई है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 100 मि.मी. कम है। किसानों द्वारा कृषि कार्य किया जा रहा है। धान की खुर्रा बुवाई अंतिम चरण की ओर है, तथा सुनिश्चित सिंचाई साधन वाले कृषक थरहा तैयार कर रोपा एवं लेही विधि द्वारा बोनी का कार्य कर रहे है। जिले में बोता 39.98 हजार हे., रोपा 4.62 हजार हे. इस प्रकार कुल 44.60 हजार हे. क्षेत्र में धान बुवाई की जा चुकी है। समय की महत्ता अनुसार व मानसून को देखते हुए कृषक अन्य फसलों की बुवाई कार्य कर रहे है। कुरूद, धमतरी एवं मगरलोड विकासखण्ड के कृषक खेतों की मेड़ों पर अरहर एवं तिल की बुवाई विशेष रूप से करते है, जो कि जारी है।
उप संचालक ने किसानों को समसामयिकी सलाह दी है कि बुवाई के पूर्व बीजोपचार अनिवार्यतः करें। इसके लिए उपयुक्त फफूंदनाशक थायरम, डाईएथेन-45, कल्चर एवं 17 प्रतिशत नमक घोल का उपयोग कर सकते है। थरहा उपचार हेतु क्लोरोपायरीफॉस का उपयोग करें। इससे धान में होने वाले तनाछेदक, पत्ती लपेटक एवं अन्य कीटव्याधि की नियंत्रण होगा। अधिक जानकारी के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से समसामयिकी सलाह हेतु सम्पर्क कर सकते हैं। जिले में खण्ड वर्षा की स्थिति निर्मित हो रही है, जिससे बोनी कार्य में आंशिक रूप से विलंब हो रहा है, किन्तु अभी तक फसल प्रभावित होने की सूचना नहीं मिली है।