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गांवों में फसल चक्र अपनाने की जा रही पहल

फसल चक्र परिवर्तन के लिए अधिकारी कार्ययोजना बनाकर करें कार्य-कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी

परसतराई में आयोजित कृषक परिचर्चा सह कार्यशाला में शामिल हुईं कलेक्टर

धमतरी./ जिले में गिरते हुए भूजल स्तर के मद्देनजर लोगों को जल संरक्षण की दिशा में प्रेरित करने के लिए जल जगार उत्सव सहित अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन्हीं कार्यक्रमों में से एक है फसल चक्र परिवर्तन के लिए प्रोत्साहित करना। ग्रीष्मकालीन धान के बदले फसल चक्र परिवर्तन के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज धमतरी विकासखण्ड के ग्राम परसतराईवासियों में किया गया। परसतराई के किसानो ने पूर्व में ही फसल चक्र अपनाने का फैसला लेकर अपने जीवन को खुशहाली की ओर अग्रसर कर लिया है। आज परसतराई में आयोजित कृषक परिचर्चा सह कार्यशाला में कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी शामिल हुईं। इस दौरान जल संरक्षण, भूमि संरक्षण, पर्यावरणीय संरक्षण, फसल चक्र परिवर्तन, धान फसल लेने के नुकसान, दलहनी/तिलहनी फसल लेने के फायदे, कृषि पद्धतियां, वैज्ञानिक सुझाव एवं आंकलन, किसानों के अनुभव, कृषक प्रश्नोत्तरी इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर एसडीएम डॉ.विभोर अग्रवाल, एसडीएम नगरी श्री पवन कुमार प्रेमी, एसडीएम कुरूद श्री डीडी मंडावी, उप संचालक कृषि श्री मोनेश साहू, सहायक संचालक उद्यानिकी श्री डी.एस.कुशवाहा के अलावा सीईओ जनपद पंचायत सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संबोधित करते हुए कलेक्टर सुश्री गांधी ने कहा कि परसतराई के किसानों ने फसल चक्र परितर्वन अपनाकर एक मिसाल पेश की है, जो कि सराहनीय है। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आने वाले दिनों में परसतराई की तर्ज पर जिले के अन्य गांवों में भी धान के बदले दलहनी/तिलहनी और अन्य नगदी फसल लेने के लिए अभी से ग्रामीणों से सम्पर्क कर कार्ययोजना बना लें। इस दौरान स्कूली विद्यार्थियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, शिक्षकों, सेवानिवृत्त अधिकारी, कर्मचारियों सहित अन्य समुदायों को भी शामिल करें, जिससे गांवों में लोगों को आसानी से प्रेरित किया जा सके। कलेक्टर ने कहा कि अधिकारी गांवों में सम्पर्क करने से पहले वहां की मिट्टी का परीक्षण जरूर कर लें, ताकि संबंधित मिट्टी अनुरूप दलहनी, तिलहनी और नगदी फसल के बीज तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि कार्ययोजना अनुसार ही खेती के लिए बीज की व्यवस्था कर लेने के निर्देश कलेक्टर ने दिए, ताकि फसल बोनी की तैयारी कर लेने के बाद किसानों को संबंधित दलहनी, तिलहनी और नगदी फसल के बीज की कमी ना हो।
उन्होंने गांवों में जल संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी लें और विभिन्न समुदायों में इस कार्य विभाजित करने कलेक्टर ने अधिकारियों को कहा, ताकि ग्रामीणों को जल संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। परसतराई में आयोजित कृषक परिचर्चा सह कार्यशाला में विद्यार्थियों ने फसल चक्र और जल संरक्षण संबंधी कार्यक्रम प्रस्तुत किये। साथ ही अन्य गांवों से आये ग्रामीणों को परसतराई में जल संरक्षण हेतु निर्मित किये गये निर्माण कार्यों को भी दिखाया गया। कार्यक्रमजल और पर्यावरण संरक्षण संबंधी नारा लगाया, इनमें परसतराई ने ठाना है, बिटिया के जन्म दिवस पर एक पेड़ लगाना है और बांध रहे हैं रक्षा सूत्र और धागा, नंबर प्लेट लगा है देखो, न काटो इसे अब कर लो वादा शामिल हैं।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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