पेंशनरों से टीडीएस न काटा जाए : यशवंत देवान
धमतरी। पेंशनर्स एसोसिशन छत्तीसगढ़ प्रदेश के अध्यक्ष यशवंत देवान ने पेंशनरों से टीडीएस के नाम पर राशि काटे जाने का विरोध किया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में पेंशनरों को विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से प्रतिमाह पेंशन का भुगतान हो रहा है। प्रतिवर्ष मार्च महीने के बाद अप्रैल माह के पेंशन से टीडीएस के नाम से बैंकों द्वारा 20 प्रतिशत राशि काट दी जा रही है। बैंक यह भी नहीं देखते कि पेंशनर आयकर सीमा में आ रहा है कि नहीं। बैंकों से संपर्क करने पर बताया जाता है कि भारत सरकार के आयकर विभाग का आदेश है कि सभी टीडीएस की 20 प्रतिशत कटौती की जाए। उन्होंने कहा कि पेंशनर सीनियर सिरीजन हैं, कई पेंशनर तो 80 से 95 वर्ष उम्र पार कर चुके है उन्हें न तो मोबाईल चलाना आता है, न ही आंखों की दृष्टि कमजोर हो जाने, कानों से सुनाई न देने एव हाथ पैर कमजोर होने के कारण एजेंट सहारा देकर बैंक लाता है, हस्ताक्षर मिलान नहीं होता, अंगूठे की लकीरें घिस जाने के कारण पैसा निकालने में परेशानी होती है। इन्हें आयकर विभाग के आदेश की जानकारी नहीं है, न ही किसी भी बैंक में जानकारी दी। सीधे टीडीएस काट ली जाती है। श्री देवान ने कहा कि आयकर है बैंकों से संबंधित कार्यालय। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया प्रतिवर्ष हर जिला, तहसीलों में पेंशनरों एवं बैंकों की शिविर लगाकर नियमों की जानकारी दे। शासन, प्रशासन, जिला कलेक्टर, जिला कोषालय इस दिशा में पहल करें, क्योंकि एक बार पैसा कटने के बाद वापस लेना कठिन काम है। पेंशनरों से निवेदन है कि प्रतिवर्ष आयकर रिटर्न भरवा लें, आधार कार्ड एवं आयकर नंबर लेकर बैंकों से लिंक करा लें। जैसे प्रति वर्ष हम माह नवम्बर में जीवन प्रमाण पत्र लाई-सर्टीफिकेट जमा करते है, न करने पर पेंशन रूक जाता है, वैसे ही माह मार्च के पहले आयकर रिटर्न बनाकर प्रतिवर्ष फार्म- 15-एच बैंकों में जमा कर दें, अन्यथा मार्च के बाद रिटर्न बनाने के लिए प्रतिवर्ष रूपये एक हजार भारत- सरकार को पेनाल्टी देना होता है। उन्होंने प्रधानमंत्री, केन्द्रीय वित्त मंत्री एवं आयकर विभाग छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, आईएएस वित्त मंत्री से निवेदन है कि सीनियर सिटीजन पेंशनरों को आयकर से मुक्त करें क्योंकि पेंशन कोई आमदनी नहीं है, मात्र शेष जीवन के लिए राहत राशि है, केवल और केवल सहारा है जो बुढ़ापे का गुजारा भत्ता है। प्रतिवर्ष में दो बार जानकारी एवं जुलाई में दी जाने वाली मंहगाई राहत नहीं देती। देती है तो 6 माह, 8 माह बाद एवं पेंशन एरीयर्स सरकार प्रतिवर्ष हजम कर रही है। 6 वें वेतन माह में 32 माह के एवं 7 वे वेतनमान में 27 माह के पेंशन एरीयर्स को सरकार हजम कर चुकी है। कोरोना- संक्रमणकाल से 2 वर्ष तक मंहगाई राहत ही नहीं दी गई।