हसदेव अरण्य में 1 लाख पेड़ काटे जा चुका है 2 लाख से अधिक और काटे जाएंगे लेकिन पक्ष-विपक्ष है खामोश – निखिलेश देवान
जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के जिलाध्यक्ष ने जंगल कटाई के मामले में भाजपा कांग्रेस के एक होने का लगाया आरोप
कहा यह प्रकृति का विनाश नहीं नेताओं द्वारा हमारे भविष्य का विनाश है
धमतरी। जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के जिलाध्यक्ष निखिलेश देवान ने कहा कि छत्तीसगढ़ को शुद्ध प्राणवायु देने वाले व हजारों, लाखो वन्य जीवों के निवास हसदेव अरण्य को उजाड़ा जा रहा है और इस गंभीर मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष खामोश है। भाजपा कांग्रेस दोनो ही पार्टी एक दूसरे की कट्टर विरोधी है लेकिन जंगल कटाई के मामले पर मौन सहमति प्रदान कर साथ आ गए है। निखिलेश देवान ने बताया कि राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार परसा ईस्ट केते बासेन माइन (पीईकेबी) में 94,460 पेड़ पहले ही काटे जा चुके हैं। आगे 2 लाख 73 हजार पेड़ और काटे जाएंगे। छत्तीसगढ़ के सरगुजा और कोरबा जिले में हसदेव अरण्य 1 लाख 70,000 हेक्टेयर में फैला हुआ है, जो कि क्षेत्रफल में दिल्ली से भी बड़ा है। हसदेव अरण्य में घने जंगल और विविध जैव विविधता है। यहां के आदिवासी समुदाय और एक्टिविस्ट लंबे समय से इस क्षेत्र में हो रहे कोयला खनन का विरोध कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष निखिलेश देवान ने कहा कि जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी छत्तीसगढ़ की वन संपदा को बचाने लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन सत्ताधारियों को सिर्फ सत्ता का लोभ सता रहा है। मै हरदेव जंगल कटाई का पूरजोर विरोध करता हुँ। यह प्रकृति का विनाश नहीं है बल्कि नेताओं द्वारा हमारे भविष्य का विनाश किया जा रहा है। यह प्रकृति का कहर नहीं मानव का कहर है। जब जंगल नहीं रहेगा तो हमे आक्सीजन कहां से मिलेगा पहले ही जंगल कम हो चुके है जंगल से भूमिगत जल का स्तर बना रहता है इस भीषण गर्मी व जल संकट भविष्य के खतरे के प्रति आगाह कर रही है। जंगल नहीं होगा तो जल नहीं होगा और जल नहीं होगा तो कल नहीं होगा। नये पेड़ो की तुलना में पुराने पेड़ ज्यादा आक्सीजन देते है। इसलिए हसदेव अरण्य में पेड़ो को कटाई पर रोक लगनी चाहिए।