दैनिक प्रवचन जयपुर में भखारा के हरख जैन हुए सम्मानित
सिर्फ संज्ञा प्रधान,प्रज्ञा प्रधान की बजाय आज्ञा प्रधान बनें - साध्वी मृगावती
व्यक्ति अपने कर्मों का स्वयं उत्तराधिकारी है-साध्वी सुरप्रिया
श्री श्वेतांबर जैन समाज सभा जयपुर के तत्वाधान में मोती डूंगरी दादावाड़ी में परम पूज्य गच्छामि पति आचार्य प्रवर श्री जैन मणिपुरम सुरेश्वर जी मसा. आदि आचार्यों की आज्ञा एवं आशीर्वाद से परम पुनीत पावन सानिध्य साध्वी वृंदों का मिल रहा है। महत्तरा मनोहर शिशु भक्तांबर प्रसारिका मनोहर विभूति परम पूज्य श्री मृगावती जी महाराज साहब , परम पूज्य श्री सुरप्रिया जी महाराज साहब , परम पूज्य श्री नित्योदया जी महाराज साहब ने अपने दैनिक प्रवचन में फरमाया कि अपनी आय में संतोष भी होना चाहिए। अपने दोषों पर अफसोस भी होना चाहिए। यौवन की धारा में बहने वाले मन को जोश के साथ होश भी होना चाहिए ।जो आत्मा इस जिनवाणी के साथ चला गमन करेगी वह वह परम प्रज्ञा को प्राप्त कर सकेगी ।कहीं भी मिठास हो तो वहां चीटियां एकत्र हो जाती है वही कोई वाहन जाने से वह समाप्त हो जाती है ।संज्ञा प्रधान होने की जगह प्रज्ञा प्रधान जीवन जीना चाहिए ।प्रगति के अंदर अपनी बुद्धि का उपयोग करें यानी अपनी बुद्धि का प्रयोग कैसे करें ।संपत्ति एकत्र करने में अपना समय जो चला गया वह चला गया। आत्मिक क्षेत्र में अपनी बुद्धि का उपयोग करें। तीसरा इस तरह होता है आज्ञा प्रधान का इसमें जो परमात्मा ने कहा उसे शिरोधार्य करें ।परमात्मा से जुड़े अपना परम लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। हर व्यक्ति के पास अपनी बुद्धि होती है उसका सही उपयोग करना चाहिए ।साध्वी सुरप्रिया जी मसा ने फरमाया कि लोग समझ नहीं पाते कि मैं क्या कर रहा हूं लेकिन उसका प्रतिफल उसे स्वयं ही भुगतना होता है। व्यक्ति अपने कर्मों का स्वयं उत्तराधिकारी है। संध्या ,सुबह, रात्रि होती है। जैसे जैसे समय होता है परिस्थितियां बदलती है ज्ञान प्राप्त की हुई आत्मा का कर्मोदय हमेशा होता है। श्रेणिक राजा पत्नी और पुत्र का कथा उदाहरण देते हुए जीवन का मर्म समझाया ।भेद विज्ञान जिसने प्राप्त कर लिया वह समस्त परिस्थितियों को सम्यक भाव से अंगीकृत कर सकता है। भोजन प्राप्त करने का स्थान अलग होता है और दिन भर अलग-अलग स्थान पर वह पचते रहता है। जिन भाव प्राप्त करने की जगह अलग होती है लेकिन आत्मसात करने का स्थान हर जगह अलग होता है। बाहर की परिस्थितियां कैसी भी बदल जाए हम उस अनुसार जिन शासन की प्रभावना करके अपने आप को ढाल सकते हैं। इस अवसर पर प्रवचन प्रश्नोत्तरी में भखारा धमतरी निवासी हरख जैन पप्पू दैनिक प्रवचन में सम्मानित हुए ।प्रवचन हाल में मुख्यतः मनोज घांघिया चातुर्मास समिति अध्यक्ष ,जतनमल डोर ,अनु फोफलिया संयोजक ,धर्मेंद्र टांक संघ मंत्री, मोती डूंगरी धर्म स्थान प्रमुख अरुण पारीक सहित श्रावक श्राविका आदि उपस्थित थे।