अध्ययन की प्राचीन से आधुनिक परंपरा को जोड़ने का सार्थक प्रयास है दीक्षारम्भ कार्यक्रम – रंजना साहू
गुरु और शिष्य के एक-दूसरे के प्रति समर्पण भाव और सहयोग से ही विद्या सार्थक होती है - नरेंद्र रोहरा
पीजी कॉलेज में आयोजित हुआ दीक्षारम्भ समारोह
धमतरी -शासकीय बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव पीजी कॉलेज में दीक्षारम्भ समारोह का आयोजन किया गया जहाँ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व विधायक रंजना डिपेंद्र साहू,भाजपा महामंत्री रामू रोहरा,पीजी कॉलेज जनभागीदारी अध्यक्ष नरेंद्र रोहरा,प्राचार्या डॉ श्रीदेवी चैबे,विजय साहू सहित गणमान्य जन उपस्थित रहे. रंजना साहू ने कहा प्राचीन समय में देश में यह कार्यक्रम ‘विद्यारम्भ संस्कार’ के नाम से जाना जाता था। हमारे ऋषि-मुनियों ने जीवन को उन्नत बनाने और आत्मा के सम्पूर्ण विकास के लिए कुल 16 संस्कारों की परिकल्पना की थी, जिनमें से एक विद्यारम्भ संस्कार भी है। जिस प्रकार एक गर्भवती मां अपने गर्भस्थ शिशु की सार-संभाल करती है, उसी तरह एक आदर्श गुरु अपने शिष्यों को तैयार करता है, सम्भालता है और उसे एक महान व्यक्तित्व प्रदान करता है। गुरुजनों के प्रति ऐसी उदात्त कल्पना भारतीय संस्कृति के सिवाय अन्य कहीं दिखायी नहीं पड़ती है। अध्ययन की प्राचीनतम से आधुनिकतम परंपरा को जोड़ने का सार्थक प्रयास है दीक्षारम्भ कार्यक्रम। आज सरकार द्वारा इसकी पहल करते हुए दीक्षारम्भ समारोह का आयोजन का आगाज़ किया गया है यह बच्चों के हित और शिक्षा के हित में लाभकारी सिद्ध होगा। वहीं जनभागीदारी समिति अध्यक्ष नरेंद्र रोहरा ने कहा जिस प्रकार से शाला प्रवेशोत्सव का कार्यक्रम मनाया जाता है उसी तर्ज़ पर यह कार्यक्रम शासन द्वारा तय किया गया है जहाँ नवप्रवेशी बच्चों को अपने शिक्षकों से रूबरू होने और कॉलेज के बारे में जानने का एक अच्छा अवसर प्रदान होता है,गुरु और शिष्य के एक-दूसरे के प्रति समर्पण भाव और सहयोग से ही विद्या सार्थक होती है।