Uncategorized

जैन धर्म के 22वे तीर्थंकर नेमीनाथ परमात्मा का धूमधाम से मनाया गया पंचकल्याणक महोत्सव

छोटे छोटे बच्चो द्वारा सुंदर नृत्य के माध्यम से बताया गया चौदह स्वप्नों को

आज सावन सुदी पाँचम के दिन जैन धर्म के बाइसवे तीर्थंकर नेमीनाथ परमात्मा का पंचकल्याणक महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। परमात्मा का जन्म, सौरीपूर नगर के राजा समुद्रविजय की रानी शिवादेवी की रत्नकुक्षी से हुआ था। आज नाटक के माध्यम से परमात्मा का च्यवन कल्याणक महोत्सव मनाया गया। परमात्मा जब देवलोक से माता की कुक्षी में आते है तब च्यवन कल्याणक मनाया जाता है। परमात्मा के जन्म से पूर्व माता चौदह स्वप्न देखती है। जिसका नाटक के माध्यम से विस्तार वर्णन किया गया। छोटे छोटे बच्चो द्वारा सुंदर नृत्य के माध्यम से चौदह स्वप्नों को बताया गया। फिर सावन सुदी पांचम के दिन परमात्मा का जन्म हुआ, जिसका नाटक के माध्यम से आज वर्णन किया जायेगा। ज्ञानी भगवंत कहते है परमात्मा के पांचों कल्याणक के समय निगोद के जीवों को भी क्षणमात्र के लिए सुख की अनुभूति होती है। आज नाटक के माध्यम से परमात्मा का जन्मकल्याणक महोत्सव मनाया जायेगा।
आज रात्रि 7 बजे पार्श्वनाथ जिनालय से कुमारपाल महाराजा की आरती के लिए लाभार्थी परिवार श्रीमति कल्पना l कानमल पारख परिवार नवापारा राजिम के साथ सकल श्रीसंघ आदिश्वर जिनालय आएंगे फिर धनकेशरी मंगल भवन में कुमारपाल महाराज की आरती होगी। उसके बाद प्रभु भक्ति होगा। सभी कार्यक्रम परम पूज्य उपाध्याय प्रवर महेंद्र सागर श्री जी म.सा. एवं परम पूज्य अध्यात्म योगी मनीष सागर जी म.सा. के शिष्यरत्न युवा संत परम पूज्य विशुद्ध सागर जी म.सा. आदि ठाना के सानिध्य में अहमदाबाद से आए आशीष भाई एवं उनकी टीम के कलाकारों एवं समाज के स्थानीय स्थानीय कलाकारों द्वारा कराया जा रहा है।

*कल मनाया जायेगा नेमीनाथ परमात्मा का दीक्षा कल्याणक महोत्सव*

कल प्रातः 8 बजे नेमीनाथ परमात्मा का दीक्षा कल्याणक महोत्सव नाटक के माध्यम से मनाया जायेगा। परमात्मा के दीक्षा का बरघोड़ा श्री पार्श्वनाथ जिनालय से प्रारंभ होगा एवं श्री आदिश्वर जिनालय में आकर संपन्न होगा।

*तप तपस्याओ का क्रम है जारी*

तपस्या की श्रेणी में 5 लोग मासक्षमण की ओर अग्रसर है। 20 से अधिक अट्ठाई संपन्न हो चुका है। वर्तमान में लगभग 6 लोगो का अट्ठाई तप प्रारंभ है। 7 तपस्वियों का सिद्धितप चल रहा है। 60 से अधिक लोगो का बीस विहरमान तप चल रहा है। 150 से अधिक तपस्वियों का पचरंगी तप प्रारंभ है। साथ ही चौमासा के प्रारंभ से आजतक पौषधका क्रम भी लगातार जारी है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!