कुरूद के थुहा और नगरी के मुनईकेरा में किसानों को दलहन-तिलहन फसल लेने किया गया जागरूक
फसल चक्र परिवर्तन अभियान के तहत जिले में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रम
धमतरी/ कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी के मार्गदर्शन में जल एवं पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर फसल चक्र परिवर्तन अभियान के तहत जिले में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में 25 सितम्बर को कुरूद के ग्राम थुहा और नगरी के मुनईकेरा में कार्यक्रम आयोजित किया गया। थुहा में आयोजित कार्यक्रम में सरपंच, ग्राम प्रमुख, बड़ी संख्या में ग्रामीणां और अधिकारी, कर्मचारियों की उपस्थिति में जल जगार कलश पूजन किया गया। इस अवसर पर श्री अंबरीश चन्द्राकर ने कहा कि दलहन-तिलहन फसल में धान की फसल की अपेक्षा पानी की खपत कम होती है। उन्होंने किसान भाईयों से अधिक से अधिक दलहन-तिलहन की फसल लेने प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि आज खेतों में चूहे का प्रकोप अधिक हो रहा है, रबी फसल लगाने आज चूहों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
श्री चन्द्राकर ने यह भी बताया कि फसल के साथ ही खेतों के मेड़ पर छायादार वृक्ष लगाने से उसमें पक्षियों का रहवास होगा, जिससे खेतों में आने वाले चूहों को पक्षी खा सकेंगे। इसके साथ ही दलहन-तिलहन में धान की अपेक्षा अधिक आय होती है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री टीलेश्वर बैस ने कहा कि फसल चक्र परिवर्तन आज की मांग है। बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए खेत में विभिन्न प्रकार के फसलों को समाहित करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि फसल उगाना ही खेती नहीं है, बल्कि पशुपालन, मुर्गीपालन, मशरूम उत्पादन इत्यादि भी किया जा सकता है, जो कि आय का जरिया है। इस अवसर पर उन्होंने मशरूम उत्पादन की विधि भी बताई।
मुनईकेरा में आयोजित फसल चक्र परिवर्तन अभियान के कार्यक्रम में बताया गया कि कम पानी मांग वाली फसलों का उत्पादन ग्रीष्मकालीन धान के बदले किया जाए। इस अवसर पर भूजल स्तर मे हो रही गिरावट, जल के सदुपयोग, भूमि क्षरण रोकने के उपाय, जल संरक्षण की संरचना इत्यादि के बारे में बारिकी से जानकारी ग्रामीणों को दी गई। इस अवसर पर कृषि एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।