रूदेश्वर महानदी घाट में 658 अनजान मृतकों का तर्पण, पिंडदान किया गया
धमतरी. सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर रूद्रेश्वर महादेव घाट में स्वर्गधाम सेवा समिति ने बुधवार को 658अनजान मृतकों का तर्पण एवं पिंडदान किया। सुबह 10.30 बजे पंडित राम अवतार तिवारी ने विधि-विधान से सभी 658 अनजान मृतकों का तर्पण एवं पिंडदान कराया। महानदी के रूद्रेश्वर घाट में पूजा पश्चात पिंडदान कर मृतात्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
तर्पण, पिंडदान कार्यक्रम के मुख्य वक्ता लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ रोशन उपाध्याय ने कहा कि आज ऐसे स्थान पर 658 अनजान मृतकों का तर्पण- पिंडदान किया जा रहा जिसका अलग ही ऐतिहासिक महत्व है। रूद्री की विशेषता प्रयागराज की तरह ही है। मृत्यु अटल है। निश्चित है, जो शरीर का अंतिम सत्य है। मृत्यु के सामने औषधि भी काम नहीं आता। मौत के बाद 10वें दिन तक आत्मा नया शरीर धारण कर लेती है। 13वें दिन 348 दिन का सफर तय कर आत्मा देवलोक पहुंचती है। आत्मा पृथ्वी के अलावा भूलोक, तपलोक, सत्यलोक, महरलोक, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल सहित अनेक लोकों में भ्रमण करती है। पितृ लोक को वेटिंग स्टेशन भी कहा गया है। अश्विन मास प्रत्येक वर्ष आता है। पितृ मोक्ष अमावस्या के 16वें दिन तक भगवान पितरों को उनके घरों में पहुंचा देते हैं। शास्त्र भी हमें पितृ के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि श्राद्ध श्रीराम जी भी किए थे। हमें भी पूरे भाव के साथ श्राद्ध करना चाहिए। श्राद्ध 5 प्रकार के होते हैं। पहला नित्य श्राद्ध, दूसरा एकोदिष्ट श्राद्ध, तीसरा पार्वण श्राद्ध, चौथा नांदीमुख श्राद्ध और पांचवा यात्राध श्राद्ध, नित्यश्राद्ध के अलावा वर्ष में 96 दिन श्राद्ध कर सकते हैं। इसके बाद पितृ पक्ष में श्राद्ध किया जाता है। श्राद्ध कार्य देव कार्य से भी श्रेष्ठ है। पितृ कार्य से पितर खुश होकर जाते हैं। शास्त्र भी पितृ कार्य के लिए प्रेरित करता है। तर्पण ३ प्रकार के होते हैं। पहला देव तर्पण, दूसरा ऋषि तर्पण, तीसरा दिव्य मानव तर्पण, चौथा यम तर्पण और पांचवा मनुष्य तर्पण। स्वर्गधाम सेवा समिति के महासचिव अशोक पवार ने कहा कि सर्व पितृ मोक्ष अमावश्या पर 658 अनजान मृतकों का तर्पण, पिंडदान किया गया। यह एक ऐसा कार्य है जिसे करने से आत्मिक संतुष्टि मिलती है। 21 वर्षो से निरंतर इस कार्य को कर रहे हंै। शुरुवात में लोग इस कार्य को देख हंसते थे। आज वे भी संस्था के कार्यो की सराहना करते हैं। संस्था के अध्यक्ष एवंत गोलछा ने सहयोगियों को साधुवाद देते हुए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अर्जुनपुरी गोस्वामी, सियाराम साहू, एआर थिंटे, एनआर यादव, माधवराव पवार, जगजीवन सिंह, अमनगिरी गोस्वामी, जेएल देवांगन, विशाल गौरी, शिवप्रसाद साहू, अनुराग गुप्ता, डॉ भूपेन्द्र सोनी, राजेश साहू, गोविंद गांधी, राजा श्रीवास्तव, हेमराज सोनी, कविता बाबर, दिलीप राज सोनी, विनीता पवार, तीरथराज फुटान, नीरज जगताप, अमित रणसिंह, संतोष सार्वा आदि उपस्थित थे।