माता बहादुर कलारीन और सहस्त्रबाहु अर्जुन का इतिहास गौरवशाली है जो कलार समाज को गौरवान्वित करता हैं-ओंकार साहू
जिला स्तरीय कलार समाज के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए धमतरी व संजारी बालोद विधायक
धमतरी। कलार समाज भवन धमतरी में जिला स्तरीय कलार समाज के निर्वाचित पदाधिकारी का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया था े जिसमें धमतरी विधायक ओंकार साहू व संजरी बालोद विधायक संगीता सिन्हा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होकर शपथ ग्रहण समारोह की साक्षी बने े सर्वप्रथम मुख्य अतिथि धमतरी विधायक ओंकार साहू व बालोद विधायक संगीता संगीता सिन्हा समेत उपस्थित अतिथियों व समाज के पदाधिकारी नें माता बहादुर कलारीन व भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के छायाचित्र का पूजा अर्चना पर कार्यक्रम का शुभारंभ किये. धमतरी विधायक ओंकार साहू नें सम्बोधित करते हुए कहा माता बहादुर कलारीन और सहस्त्रबाहु अर्जुन का इतिहास गौरवशाली है जो कलार समाज को गौरवान्वित करता हैं. विधायक साहू नें कहा बालोद जिले में मां बहादुर कलारिन को एक देवी की तरह पूजा जाता है। वे पूरे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ कलार समाज के पौराणिक इतिहास का हिस्सा हैं। ओंकार साहू नें कहा माता बहादुर कलारिन नारी उत्थान के लिए काम करने वाली महिला थीं।
संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा नें कहा सिन्हा समाज को नशा मुक्ति और बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा तभी समाज का चाहुमुखी विकास संभव हैं े तत्पश्चात कलार समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारी को विधायक संगीता सिन्हा नें माता बहादुर कलारिन और सहस्त्रबाहु अर्जुन को साक्षी मानकर समाज के उत्थान में योगदान देने के लिए शपथ ग्रहण करवाये े तत्पश्चात सामाजिक पदाधिकारी को प्रशस्ती पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया े शपथ ग्रहण समरोह में मुख्य रूप से धमतरी विधायक ओंकार साहू, संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा, युवराज सिन्हा प्रांतीय अध्यक्ष कलार समाज , बिसंभर सिन्हा, श्री मति संजू कामता सिन्हा, सेवाराम सिन्हा मुख्य निर्वाचन अधिकारी कलार समाज, रामसेवक सिन्हा, राजेंद्र कुमार सिंह जिला अध्यक्ष रायपुर, हरिराम सिन्हा, शशिकांत सिन्हा, कालिदास सिन्हा, पंकज सिन्हा, प्रेम मागेंद्र , तामेंश्वर दास सिन्हा, संतोष सिन्हा, हरेश्वर सिन्हा, पन्नालाल सिन्हा,नरेश सिन्हा, हुमेंद्र गजेंद्र सिन्हा, देवकरण गजेंद्र, कामता सिन्हा, चोवाराम सिन्हा, डॉ. डी आर गजेंद्र बालोद , परमेश्वरी सिन्हा साथ में बड़ी संख्या में मातृ शक्ति व सामाजिक जनों कि उपस्थिति रही।