आवारा कुत्तों की नही हुई सालों से नसबंदी, ठंड के मौसम में लगातार बढ़ती जा रही संख्या
हर गली, मोहल्ले में घूम रहे दर्जनों कुत्तें के बच्चें, दुर्घटना के भी हो रहे शिकार
कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण हेतु नहीं हो रहा कोई प्रयास, लगातार बढ़ रही डॉग बाइट की घटनायें
धमतरी । शहर में साल दर साल आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। इनके साथ ही कुत्तों की आंतक और खतरा भी बढ़ता जा रहा है। लेकिन इनकी जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने नगर निगम द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। ज्ञात हो कि ठंड का मौसम कुत्तों के प्रजनन का मौसम होता है। इस मौसम में बड़ी संख्या में कुत्ते बच्चों को जन्म देते है। वर्तमान में भी यह सिलसिला जारी है। नतीजन शहर के गली मोहल्लों में चारो ओर कुत्तों के छोटे-छोटे बच्चे नजर आ रहे है। अभी तो यह छोटे है इसलिए इनसे खतरा नहीं है। लेकिन जैसे-जैसे ये बढ़ेंगे खतरा भी बढ़ता जायेगा। विडम्बना है कि कुत्ते एक बार में 4-5 बच्चों को जन्म देते है। चूंकि शहर में पहले से ही हजारों की संख्या में आवारा कुत्ते है। ऐसे में एक ही सीजन में नये हजारों कुत्तों की संख्या बढ़ जाती है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। सालों से आवारा कुत्तों के आंतक और खतरा का सामना लोग कर रहे है। रोजाना जिले में डॉग बाइट की घटनायें होती है। कई बार डॉग बाइट से बच्चे व बुजुर्ग गंभीर रुप से घायल हो चुके है। बात उनकी जान पर भी बन आई थी। बाउजूद इसके आवारा कुत्तों के बढ़ती संख्या पर नियंत्रण हेतु कोई प्रयास निगम द्वारा नहीं हो रहा है। ऐसे में भविष्य में डॉग बाइट की घटनायें और बढ़ सकती है।
सालों पहले हुई थी नसबंदी
सालों पहले शहर के आवारा कुत्तों की नसबंदी निगम द्वारा कराई गई थी। तब एक फर्म द्वारा आमातालाब रोड स्थित इंडोर स्टेडियम में आवारा कुत्तों की नसबंदी कराई गई थी। उस दौरान भी 20 से 25 प्रतिशत कुत्तों की नसबंदी हुई थी। उसके बाद से आज तक दोबारा न नसबंदी हो पाई औ न ही डाग हाउस बन पाया । हर साल आवारा कुत्तों के प्रजनन मौसम में ही हजारों कुत्तों की वृद्धि हो रही है। इनमें से कुछ कुत्ते ठंड से भूख प्यास से और कुछ दुर्घटना में दम तोड़ देते है।