महापुरुषो के प्रतिमाओं की हो रही दुर्गति, नहीं होती नियमित सफाई
उल्लेखनीय कार्यो, बलिदानों को सम्मान देने लगाई गई प्रतिमा का होता है अपमान
धमतरी । शहर में कई स्थानों पर या कहे लगभग सभी वार्डो में महापुरुषो की प्रतिमायें स्थापित की गई है। इनका उद्देश्य इन महापुरुषो के उल्लेखनीय कार्यो और बलिदान को सम्मान देना है। लेकिन इसके विपरीत प्रतिमायें अनदेखी के चलते अपमानित होती रहती है। वहीं सौन्दर्यीकरण के लिए लगाए गए कलाकृतियों की स्थिति भी ऐसी ही है। यहां भी सालो से धूल की परत जमी हुई है।
ज्ञात हो कि शहर में कई स्थानों पर आजादी की लड़ाई में अपना सर्वोच्च न्यौछवर करने वाले क्रांतिकारियों, अपने श्रेष्ठ कार्यो से समाज को नई दिशा देने वाले कई महापुरुषो की प्रतिमायें स्थापित की गई है। स्थापना के समय जोरशोर से उद्घाटन कर महापुरुषो के बलिदान व कार्यो को याद कर गुणगान किया जाता है। लेकिन कुछ दिन बीतने के बाद प्रतिमायें लावारिश अवस्था में आ जाती है। इसके बाद साल में दो बार पुण्यतिथि और जन्म जयंती पर नेताओं को महापुरुषो की याद आती है। और ज्यादातर इन दिनों ही सफाई की स्वच्छता का ख्याल रखा जाता है। बाकि दिन साल भर यह प्रतिमायें धूल, गंदगी से लबरेज रहते है। कुछ स्थानों पर तो प्रतिमायें खंडित भी हो चुकी है। प्रतिमा स्तम्भ रंग रोगन के अभाव जर्जर प्रतीत होता है। ऐसे में शहरवासियों का कहना है कि सम्मान के उद्देश्य से महापुरुषो की प्रतिमायें स्थापित की जाती है। लेकिन कुछ ही दिन में यह सम्मान अपमान में बदल जाता है। यह अनदेखी के कारण होता है। यदि प्रतिमाओं की नियमित सफाई कराकर रंगरोगन किया जाये तो चौक-चौराहो की सुन्दरता तो बढ़ेगी ही साथ महापुरषो के बलिदानों का सम्मान भी होगा। निगम द्वारा सफाई कर्मचारी इस कार्य हेतु नियुक्त किया जा सकता है। जो कि नियमित प्रतिमाओं की सफाई करें। लेकिन सालों से धूल खाते गंदगी में पड़े प्रतिमाओं की ओर निगम द्वारा और न ही जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान दिया जा रहा है।