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प्रारब्ध हमारे कर्मो को परिणाम में बदलने जरा भी संकोच नही करता-युगलकिशोर शास्त्री
धमतरी । रामकृष्ण मंडावी परिवार द्वारा भागवत कथा का 24 दिसम्बर से आयोजन किया जा रहा है। कथा के सातवें दिवस पर भगवताचार्य युगलकिशोर शास्त्री ने कहा कर्म प्रधान विश्व रची राखा जो जस करहि सो तस फल चाखा। विस्तृत व्याख्या करते हुए समाजजनो से कर्म करते समय सजग रहने अनुरोध किया क्योंकि गलती से भी किये गये बुरे कर्मों का हिसाब भी प्रारब्ध रखता है वैसे गलती से हुए कर्मो को भागवत कथा सुनकर पाप से बचा जा सकता है भागवत कथा के सुचारू रूप से सम्पादन में प्रमुख रूप से भानुप्रताप ध्रुव, यशवंत,अमृत ध्रुव, सीता ध्रुव, नम्मूनारायण साहू, चुन्नूराम रामकुमार सोनकर,नकुल यादव,सोहन यादव एवं शिष्यगण सेवा दे रहे हैं।