बस स्टैण्ड की व्यवस्था है भगवान भरोसे
बेतरतीब पार्किंग खुलेआम नशाखोरी, यात्री प्रतिक्षालय में अव्यवस्था सहित अन्य कारणों से बस स्टैण्ड हो गया है अव्यवस्थित
रोजाना 250 से 300 बसों का बस स्टैण्ड से होता है आवागमन, हजारों यात्री करते है सफर
धमतरी । किसी भी शहर के बस स्टैण्ड को उस शहर का आईना कहा जाता है। क्योकि बस स्टैण्ड से ही दूसरे शहर के लोगों द्वारा राय कायम की जाती है। इस हिसाब से धमतरी शहर की खराब छवि दूसरों शहरों में बन रही होगी क्योंकि धमतरी का नया बस स्टैण्ड अव्यवस्थित और बदहाल है।
बता दे कि नया बस स्टैण्ड में रोजाना 250-300 बसों का आवागमन होता है। इनमें रोजाना हजारों यात्री सफर करते है। धमतरी से नगरी, सिहावा, बालोद, राजनांदगांव, रायपुर, बस्तर, भिलाई, दुर्ग, अंतागढ़ आदि रुटो के लिए बसे चलती है। बस स्टैण्ड में अल सुबह से देर रात तक यात्रियों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन विडम्बना है कि यहां यात्रियों को अव्यवस्था का सामना करना पड़ता है। बस स्टैण्ड में स्वच्छता का हाल बुरा है। यहां वहां कचरा बिखरा रहता है। इसके लिए व्यापारी व यात्री भी कसूरवार है। निगम द्वारा लगाये गये डस्टबीन में कचरा कम और बाहर ज्यादा फेंका जाता है। इसके अतिरिक्त बस स्टैण्ड में सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। यहां लोग कंही भी अपनी वाहन खड़ी कर देते है। एक प्रकार से बस स्टैण्ड कई लोगों के लिए नि:शुल्क पार्किंग बन गया है। सालों से बस स्टैण्ड में बसों के अलावा आटो, दुपहिया व मोटर सायकले बड़ी संख्या में पार्क होती है। और अब बस स्टैण्ड के भीतर व बाहर ई-रिक्शा की संख्या भी बढ़ गई है। यहां सवारी लेने बीचोबीच आटो ई-रिक्शा पहुंच जाती है। पहले से ही जगह की किल्लत है। उस पर ऐसी स्थिति होने पर बस व अन्य वाहन फंस जाते है। सड़क पर बीचोबीच पसरा व ठेला लगाकर दुकान लगाया जाता है। जिससे व्यवस्था और खराब हो जाता है। पहले समझाईश देकर इन्हें पीछे कराया गया था लेकिन कुछ दिन में ही समझाईश बेअसर हो गया। यहां खुलेआम नशाखोरी भी होती है। कई लोगों द्वारा शराब और गांजे का नशा किया जाता है। कई बार जुआ खेलने की भी शिकायते मिलती है। गाली गलौच और लड़ाई झगड़े से भी यात्री विशेषकर महिलायें युवतियां परेशान होती है।
बस स्टैण्ड में संचालित यात्री प्रतिक्षालय में भी अव्यवस्था हावी रहती है। यहां गंदगी पसरी रहती है। पेयजल की व्यवस्था नही है। टीवी चोरी होने के बाद आज तक सालों बाद पुन: टीवी नहीं लग पाया है। स्तनपान रुम बनाया गया है। लेकिन इसका लाभ शिशुवती महिलायें नहीं उठा पा रही है। क्योंकि रुम के गेट को ही तार से लॉक कर दिया गया है।
प्रवेश व निकासी द्वार पर पल-पल लगता है जाम
बस स्टैण्ड में सालों पहले अलग-अलग प्रवेश व निकासी द्वार तय किया गया, लेकिन नेशनल हाईवे के किनारे होने के कारण जब भी बसे निकलती या प्रवेश करती है तो यातायात थम सा जाता है। यदि निकासी या प्रवेश के समय अन्य वाहने पहले से हो तो बसे मोड़ पर ही फंस जाती है। कई बार डिवायडर के कारण भी बसों को मुडऩे में परेशानी होती है।
यातायात पुलिस सहायता केन्द्र बंद
पहले बस स्टैण्ड में यातायात पुलिस सहायता केन्द्र संचालित था जहां कुछ जवान तैनात रहते थे। इससे बस स्टैण्ड में यातायात को व्यवस्थित करने में मद्द मिलती थी। साथ ही असामाजिक तत्वों में पुलिस का भय रहता था, लेकिन काफी समय से सहायता केन्द्र बंद हो गया है। कभी कभार पुलिस यहां पहुंचती है और राउंड मारकर चली जाती है। बस स्टैण्ड में पूर्व में चाकूबाजी, मारपीट जैसे कई घटनायें हो चुकी है।
कलेक्टर, एसपी, निगम आयुक्त के निरीक्षण से सुधर सकती है व्यवस्था
बता कि पूर्व कलेक्टर भीम सिंह द्वारा बस स्टैण्ड की व्यवस्था सुधारने विशेष ध्यान दिया गया था, लेकिन उसके बाद बस स्टैण्ड की ओर गंभीरता पूूर्वक ध्यान नहीं दिया गया इसलिए बस स्टैण्ड अव्यवस्थित हो चुका है। लोंगो में चर्चा है कि यदि कलेक्टर नम्रता गांधी, एसपी आंजनेय वाष्र्णेय निगम आयुक्त प्रिया गोयल द्वारा मौका मुआयना किया जाये तो हकीकत सामने आ सकती है। और सख्त निर्देश के चलते अव्यवस्थित बस स्टैण्ड को व्यवस्थित किया जा सकता है।