Uncategorized

किसानों को यूनिक पहचान नंबर देने 8 से 15 मार्च तक लगेंगे शिविर, पटवारी और आरएईओ रहेंगे मौजूद

कलेक्टर ख़ुद करेंगे मॉनिटरिंग, समय सीमा में काम पूरा करने के निर्देश जारी

यूनिक पहचान मिलने से शासकीय योजनाओं का लाभ लेना होगा आसान

किसान सहकारी समिति और चॉईस सेंटरों में भी कर सकते हैं आवेदन

धमतरी 7 मार्च 2025/ जिले के सभी कृषि भूमिधारक किसानों को आधार नंबर की तरह ही यूनिक पहचान नंबर देने के लिए आठ से 15 मार्च तक ग्राम पंचायतों और नगरीय निकाय क्षेत्रों में विशेष शिविर लगाए जाएँगे । कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ख़ुद इसकी मॉनिटरिंग करेंगे। कलेक्टर ने इन शिविरों में शत प्रतिशत किसानों का पंजीयन कर उन्हें यूनिक पहचान नम्बर देने का काम समय सीमा में पूरा करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए है । इन शिविरों में क्षेत्र के पटवारी और कृषि विभाग के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे और किसानों के पंजीयन में मदद करेंगे ।केन्द्र सरकार की एग्री स्टैक परियोजना के तहत किसानों को यूनिक नंबर देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। किसानों को यूनिक पहचान नंबर मिल जाने से खेती-किसानी के लिए चलाई जा रही शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में बड़ी आसानी होगी।
किसान ऐसे नंबर लेने के लिए अपने नजदीक के प्राथमिक सहकारी समिति या जिले के किसी भी चॉईस सेंटर या लोक सेवा केन्द्र पर भी सम्पर्क कर सकते हैं। किसानों को यूनिक पहचान नंबर प्राप्त करने के लिए अपनी कृषि भूमि के दस्तावेज जैसे-ऋण पुस्तिका, बी-1 के साथ आधार कार्ड की प्रति और आधार कार्ड से सम्बद्ध मोबाईल नंबर बताना होगा। कलेक्टर श्री मिश्रा ने जिले के सभी किसानों से अपील की है कि वे अपनी यूनिक पहचान के लिए आठ मार्च से शुरू हो रहे विशेष शिविरों में जरूर जाए और यूनिक पहचान नंबर के लिए पंजीयन कराये । किसान किसी भी लोकसेवा केन्द्र पर जाकर या नजदीकी सहकारी समिति में संबंधित पोर्टल पर जानकारी दर्ज कराकर भी पंजीयन करा सकते है । किसानों को यूनिक पहचान मिलने के बाद प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना सहित खेती-किसानी के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का फायदा लेने में आसानी होगी ।
जिला प्रशासन ने किसानों को यूनिक पहचान नंबर देने के लिए जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं। राजस्व, कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को समूह बनाकर इस काम को तेजी से पूरा करने का दायित्व सौंपा गया है। लोकसेवा केन्द्रों के संचालकों को ग्राम पंचायतों और नगरीय क्षेत्रों में शिविर लगाकर भूमि की पहचान और किसान की पहचान एग्री स्टैक-पोर्टल पर दर्ज करने के लिए अधिकृत किया गया है। किसानों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर लोकसेवा केन्द्रों में संबंधित जानकारी पोर्टल पर ऑनलाईन दर्ज की जाएगी। दर्ज जानकारी का सत्यापन राजस्व विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा किया जाएगा। इसके बाद किसानों को यूनिक पहचान नंबर जारी किया जाएगा।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!